मराठी भाषा को लेकर चल रहे मोर्चे में महायुति के मंत्री भी हुए शामिल, पुलिस की कार्रवाई को बताया गलत

शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक ने मोर्चा पर रोक लगाने के लिए पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि यह कार्रवाई अनुचित है और किसी भी सरकारी निर्देश के अनुरूप नहीं है. सरनाईक ने ठाणे में पत्रकारों से कहा, ‘‘पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है. सरकार ने मराठी हितों के समर्थन में शांतिपूर्ण मोर्चा को दबाने के लिए ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है.’’

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  • महाराष्ट्र सरकार के मंत्री प्रताप सरनायक, जो एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना से हैं, मनसे के मोर्चे में शामिल हो गए हैं
  • पुलिस ने मनसे के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर प्रदर्शन स्थल तक पहुंचने से रोक दिया, जिसमें महिलाओं सहित कई कार्यकर्ता पुलिस वैन में ले जाए गए
  • ठाणे में मनसे कार्यकर्ताओं को एक बैंक्वेट हॉल के अंदर बंद कर दिया गया, जहां वे सरकार के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लेकर नजर आए
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MNS के मोर्चे में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री प्रताप सरनायक भी शामिल हो गए हैं. सरनायक एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना से मंत्री हैं. अब तक एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना इस पूरे मुद्दे पर शांत थी, जिसकी वजह से उसकी काफी किरकिरी हो रही थी. अब शिवसेना ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू किया है. हालांकि, प्रताप सरनायक को मोर्चे में शामिल होने नहीं दिया गया. 

इस पर मंत्री प्रताप सरनाईक ने पुलिस की कार्रवाई को ‘‘गलत'' बताया और कहा कि यह सरकारी निर्देशों के अनुरूप नहीं है. महिलाओं सहित कई मनसे कार्यकर्ताओं को पुलिस वैन में भरकर ले जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं, लेकिन हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और मोर्चे की अनुमति नहीं देने के लिए उसकी आलोचना की.

पुलिस ने प्रदर्शन स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए कई कार्यकर्ताओं को एक ‘बैंक्वेट हॉल' के अंदर बंद भी कर दिया. मनसे की ठाणे इकाई के प्रमुख रवींद्र मोरे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें ‘बैंक्वेट हॉल' के अंदर हिरासत में रखे गए कार्यकर्ता दिख रहे हैं. वीडियो में कई कार्यकर्ता सरकार की निंदा वाले नारे लिखी काले रंग की तख्तियां लिए हुए नजर आ रहे हैं.

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मोरे ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘‘हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया. यह लोकतंत्र नहीं है.'' सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने मनसे कार्यकर्ताओं के मुंबई महानगर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से पहले ही उन्हें हिरासत में लेना शुरू कर दिया था. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन कार्रवाई की गई थी'', लेकिन उन्होंने हिरासत केंद्र के रूप में ‘बैंक्वेट हॉल' के इस्तेमाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. मीरा भयंदर शहर में भारी पुलिस बल तैनात है, क्योंकि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.

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इस बीच, राज्य के मंत्री और शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक ने मोर्चा पर रोक लगाने के लिए पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि यह कार्रवाई अनुचित है और किसी भी सरकारी निर्देश के अनुरूप नहीं है. सरनाईक ने ठाणे में पत्रकारों से कहा, ‘‘पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है. सरकार ने मराठी हितों के समर्थन में शांतिपूर्ण मोर्चा को दबाने के लिए ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है.'' उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे.

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उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से पुलिस ने सुबह मोर्चा को रोका और लोगों को हिरासत में लिया, वह अनुचित है. अगर प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ने दिया जाता तो कानून व्यवस्था की कोई समस्या नहीं होती.'' पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए मंत्री ने कहा कि वह भी मोर्चा में भाग लेने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस का इस तरह का रवैया अनुचित है और अगर मराठी भाषी लोगों ने शांतिपूर्ण मोर्चा के लिए अनुमति मांगी थी तो पुलिस को उन्हें अनुमति देनी चाहिए थी.''

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