'खाने की दिक्कत, डर का साया' : यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स के माता-पिता ने बयां की बच्चों की पीड़ा

मध्यप्रदेश के 122 छात्रों के संबंध में सरकार को सूचना मिली है, जिसमें अबतक 26 बच्चे देश लौट चुके हैं.

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परिजनों ने की बच्चों की सुरक्षित वापसी की मांग (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भोपाल:

रूस और यूक्रेन के मध्य युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे छात्रों समेत भारतीयों को निकालने का सरकार पुरजोर प्रयास कर रही है. अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश के बच्चे भी संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इंदौर सहित राज्य के विभिन्न जिलों के बच्चे यूक्रेन में हैं. इंदौर के सबसे ज्यादा छात्र-छात्राएँ यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं, जिन्हें प्रदेश वापस लाने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी फोन पर वीडियो कॉल से छात्रों से बात कर रहे हैं. दिल्ली लौटे छात्रों को मध्यप्रदेश भवन में भी रूकने के इंतज़ाम किये गये हैं.

धार जिले के नर्मदा नगर के रहने वाले मृत्युंजय मुकाती 19 साल के हैं, इसी महीने यूक्रेन के खारकीव गये थे. माता-पिता बता रहे हैं कि मृत्युजंय डरा हुआ है. फोन पर भी कम बात कर रहा है. मां-बाप की अपील है कि बेटे को फौरन देश वापस लाया जाए. मत्युंजय की मां जमुना मुकाती ने कहा कि मेरा बेटा हॉस्टल में है और मेस वाले खाना नहीं दे रहे हैं. पिता शंकरलाल मुकाती ने कहा कि बच्चे भूखे मर रहे हैं. सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा है.

रीवा की नुसरत के पिता सील-मोहर बनाते हैं  और मां घर पर ही दूसरों के कपड़े सिलती हैं. किसी तरह बेटी नुसरत को यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई के लिये भेजा था. अब वापस बुलाने के लिये संघर्षरत हैं. नुसरत के पिता मोहम्मद शकील ने बताया, "4 दिन से बेटी बंकर के अंदर है. खाने-पीने की दिक्कत है. वहां के हालात बहुत खराब हैं. फोन पर बात होती है.

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वहीं, मां शकीला ने कहा, "400 शुगर हो गई है. एक ही बेटी है. फोन भी नहीं लग पाता कायदे से. बेटी ने बोला है कि मम्मी मैं सेफ हूं, चिंता मत करो... शुगर मत बढ़ाओ."

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अनुपपुर जिले के कोतमा के हिमांशु सर्राफ ने 2020 में बारहवीं पास की. 2 साल से घर पर थे. पिता ने 8 लाख रुपये की जमा पूंजी खर्च कर बेटे को मेडिकल पढ़ने यूक्रेन भेजा. अब चाहते हैं बेटा सकुशल घर आ जाए.

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हिमांशु के पिता लालाराम सर्राफ ने बताया, "माहौल खराब है. बेटा बोल रहा है कि 200 किमी में बम गिरा है. खतरा महसूस हो रहा है. बंकर में जाने की ट्रेनिंग दी जा रही है."

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गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल और रायसेन की यूक्रेन के खारकीव में फंसी शशि शर्मा और शिवानी सिंह से सोमवार को वीडियो कॉल से बात की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार बच्चों के संपर्क में हैं. राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने कहा, "हम प्रदेश के गृह विभाग के मार्फत विदेश विभाग से संपर्क कर बच्चों की मदद करने का प्रयास कर रहे हैं."

मध्यप्रदेश के 122 छात्रों के संबंध में सरकार को सूचना मिली है, जिसमें अबतक 26 बच्चे देश लौट चुके हैं.

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