ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार उनके गढ़ में ललकारेंगी प्रियंका गांधी, 22 जुलाई को विशाल जनसभा

कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी मध्य प्रदेश के ग्वालियर चम्बल में आगामी 22 जुलाई को विशाल जनसभा को संबोधित करेंगी और मध्य प्रदेश में चुनाव अभियान का आगाज़ करेंगीं.

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ग्वालियर:

मोदी सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अब कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी उनके ही गढ़ ग्वालियर में सीधे चुनौती देंगी. आगामी 22 जुलाई को वो ग्वालियर में रैली को संबोधित करेंगी और एमपी में पार्टी के चुनाव अभियान को आगे बढ़ाएंगी. खास बात ये है कि कई दशकों के बाद गांधी परिवार का कोई सदस्य सीधे ग्वालियर में सिंधिया परिवार को कोई चुनौती देगा. रैली को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता भी तैयारी में जुटे हैं. 

22 को होगी प्रियंका की सभा

प्रदेश के महाकौशल इलाके के बाद प्रियंका गांधी अब ग्वालियर-चंबल में सीधे सिंधिया को चुनौती देने जा रही हैं. यह क्षेत्र सिंधिया परिवार अपना गढ़ मानता है और वर्तमान में इसका सियासी महत्व भी ज्यादा है क्योंकि 2018 में कांग्रेस को सत्ता पर काबिज कराने में इस क्षेत्र की अहम भूमिका थी. अंचल की 34 सीटों में से 28 बीजेपी हार गई थी जिसके चलते 15 वर्ष से प्रदेश में चल रही उनकी सरकार चली गयी थी और कांग्रेस का सत्ता का सूखा खत्म हुआ था. हालांकि सिंधिया के विद्रोह के चलते वह सरकार 15 महीने में ही गिर गई थी. बहरहाल प्रियंका की प्रस्तावित रैली से कांग्रेसियों में खासा उत्साह नज़र आ रहा है. कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह बताते हैं कि प्रियंका गांधी 22 जुलाई को ग्वालियर के मेला मैदान में जनसभा के जरिये संभाग में चुनावी अभियान का शंखनाद करेंगी. यह सभा ऐतिहासिक होगी.

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कभी नजदीकियां थीं, दूरियां यूं बनीं

सिंधिया परिवार को शुरू से ही गांधी-नेहरू परिवार का नजदीकी माना जाता है. देश आजाद होने के बाद से ही सिंधिया परिवार कांग्रेस के साथ चला गया था. हालांकि बाद में राजमाता विजयाराजे सिंधिया जनसंघ में चलीं गईं थीं, लेकिन 1977 में उनके बेटे माधव राव सिंधिया कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस के बड़े नेता बने. उन्हें राजीव गांधी के साथ-साथ सोनिया गांधी का भी नजदीकी माना जाता था. उनके आकस्मिक निधन के बाद कांग्रेस ने उनके युवा पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनकी विरासत सौंपी. उन्हें सांसद और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बनाया गया. लेकिन 2019 का लोकसभा चुनाव वह नहीं जीत सके. इसके बाद उन्होंने अपने डेढ़ दर्जन समर्थक विधायकों के साथ प्रदेश में 15 साल बाद बनी कांग्रेस सरकार को ही गिरवा दिया. सिंधिया के सहयोग से प्रदेश में फिर बीजेपी सरकार बन गई और वह राज्यसभा के जरिये संसद पहुंचकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बन गए.

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नेताओं ने डाला डेरा

इस सभा को सफल बनाने के लिए कांग्रेस पूरी ताकत झोंकने जा रही है. दिल्ली से तारीख तय होते ही यहां कांग्रेस नेताओं ने डेरा डाल लिया है. मंगलवार को यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीवी श्रीनिवास, राष्ट्रीय पदाधिकारी शिव भाटिया, राज्यसभा सांसद विवेक तनखा, प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह समेत अनेक कांग्रेस नेता ग्वालियर आकर प्रियंका की सभा की तैयारियों में जुट गए हैं.

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