छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के महासमुंद जिले में अपने ही विभाग में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जिला स्तर के अधिकारी अनशन पर बैठ गए हैं. गरीब कन्याओं के मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के तहत मिलने वाली राशि में कथित घोटाले और गरीब कुपोषित बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं को मिलने वाले रेडी टू ईट को बेहद घटिया देकर किए गए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी अनशन पर बैठ गए. हालांकि शाम को जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोंदले को कोतवाली पुलिस ने कथित रूप से गिरफ्तार कर लिया. बताया जाता है कि उन्हें बिना अनुमति के अनशन पर प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया. हालांकि पुलिस ने बाद में उनकी गिरफ्तारी का खंडन किया.
आज सुबह से अपने घर पर अनशन कर रहे सुधाकर बोंदले को महासमुंद पुलिस शाम को अपने साथ ले गई थी. उस समय पुलिस कर्मियों से मोबाइल से सम्पर्क करने पर प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत गिरफ्तारी की जानकारी मिली थी. बाद में पुलिस का कहना है कि मेडिकल चेकअप और समझाने के उद्देश्य से थाने लाया गया है.
महासमुंद में पदस्थ बोंदले का आरोप है कि मार्च 2020 एवं 2021 में मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के तहत गरीब कन्याओं की शादी मे दिए गए सरकारी उपहार सामग्री बेहद घटिया स्तर के थे. जिसकी कीमत 12 हजार रुपये बताई गई है, उसकी कीमत बाजार में 7 हजार रुपये से भी कम है. इसी प्रकार गरीब कुपोषित बच्चों और गरीब गर्भवती महिलाओं को दिए गए रेडी टू ईट की गुणवत्ता भी निम्न स्तर का है. सोया चना की जगह पर घटिया गेहूं की मात्रा अधिक है.
सुधाकर बोंदले ने स्वयं सभी की जांच की थी और इस 30 लाख रुपए से अधिक के भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजा था. पर साल भर बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो बोंदले अपने ही निवास में अनशन पर बैठ गए.
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ट्वीट पर लिखा, 'महासमुंद जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सुधाकर बोदले कन्या विवाह व रेडी टू ईट खाद्यान्न वितरण में भ्रष्टाचार को लेकर आमरण अनशन पर हैं. आपसे निवेदन है दोषियों पर आवश्यक कार्यवाई हेतू मामले की निष्पक्ष जांच रिटायर्ड जज की निगरानी में की जानी चाहिए.'
(महासमुंद से कृष्णानंद दुबे के इनपुट के साथ)