मध्यप्रदेश से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक महिला को सांप काटने के बाद अस्पताल तो ले जाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद भी वहां डॉक्टरों से इलाज कराने की जगह परिजन तांत्रिक से झाड़फूंक कराते रहे. झाड़फूंक में कई घंटे गंवाने के बाद भी जब तांत्रिक महिला को ठीक नहीं कर सका तो फिर परिजनों ने डॉक्टरों को बुलाया. इलाज से कई घंटे दूर रहने की वजह से महिला के शरीर में सांप का जहर फैल गया और उसकी मौत हो गई. महिला की मौत के बाद उसके शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है. मिल रही जानकारी के अनुसार पूरा मामला अशोकनगर जिला अस्पताल का है.
पीड़िता अशोकनगर के बहेरिया गांव की है
मिली जानकारी के अनुसार अशोकनगर के बहेरिया गांव की रहने वाली महिला को सुबह साढ़े आठ बजे सांप ने कांटा उसके बाद परिजन झाड़फूंक कराते रहे और जब स्थिति खराब हुई तो साढ़े दस बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां 11 बजे डॉक्टरों ने महिला को किया मृत घोषित कर दिया.
सिविल सर्जन ने NDTV से की खास बातचीत
इस मामले को लेकर जब NDTV ने अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. पीके भार्गव से बात की तो उन्होंने बताया कि महिला मृत अवस्था में ही अस्पताल लाईं गई थीं. झाड़फूंक से कुछ होता नहीं है, लेकिन परिजन पीछे पड़े थे. हालांकि ये गलत है खासकर तब जब एक बार डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. मैं सबसे अपील करना चाहूंगा किसी को सांप ने काटा है तो झाड़फूंक ना कराएं जो समय पर अस्पताल आता है वो ठीक हो जाता है.
उन्होंने बताया कि जब डॉक्टर पोस्मॉर्टम के लिए ले जा रहे थे, उस दौरान वहां पुलिस वाले भी थे लेकिन इसके बावजूद भी परिजन झाड़फूंक कराने की जिद करते रहे. ये अंधविश्वास है लेकिन एक मानवीय बात आ जाती है. परिजन ज़िद करते हैं, कई बार वो कुछ सुनने को तैयार नहीं होते. लेकिन मैं निर्देश दे रहा हूं कि अस्पताल में ऐसा कुछ नहीं होगा.