Madhya pradesh: मध्यप्रदेश में किसी भी हड़ताल, दंगे, आंदोलन या प्रदर्शन के दौरान आम जनता को नुकसान न हो, इसके लिए राज्य में लोक एवं निजी संपत्ति नुकसान निवारक व नुकसानी की वसूली अधिनियम-2021'के प्रस्ताव को गुरुवार को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. कानून के तहत विरोध प्रदर्शन के दौरान अगर किसी सरकारी या निजी चल-अचल संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तो प्रदर्शनकारियों से ही राशि की वसूली होगी. आंदोलन या प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों के खिलाफ भी मामला दर्ज होगा.अब इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया जाएगा. विधानसभा में पास होने के बाद यह कानून का रूप लेगा.
इस अधिनियम में तहत 3 महीने के अंदर प्रकरण का निराकरण होगा और इसकीअपील सिर्फ हाईकोर्ट के अंदर हो सकती है. इसके अध्यक्ष रिटायर्ड जिला जज होंगे.जिला स्तर पर क्लेम कमिश्नर होगा, जिसका काम एडीशनल या डिप्टी कलेक्टर को सौंपा जाएगा. सरकारी संपत्ति के नुकसान की शिकायत कलेक्टर और निजी संपत्ति की शिकायत संबंधित व्यक्ति करेगा. क्लेम कमिश्नर मौके पर जाकर नुकसान की रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को देगा. यही नहीं, वसूली नहीं देने पर आरोपी की संपत्ति की नीलामी भी हो सकती है. क्षतिपूर्ति के लिए जो राशि तय होगी, वह संबंधित व्यक्ति को 15 दिन में देनी होगी. यदि नहीं दी जाती है तो ब्याज भी लगेगा.