मध्य प्रदेश: विधानसभा चुनाव से पहले इंदौर को मिला नया शहर कांग्रेस अध्यक्ष, सुरजीत चड्ढा को सौंपी गई कमान

सुरजीत सिंह चड्ढा को ऐसे वक्त यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, जब विधानसभा चुनाव में लगभग 150 दिनों का समय बचा है.

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इंदौर: लम्बे इंतजार के बाद इंदौर को नया शहर कांग्रेस अध्यक्ष मिल गया है. गुरुवार को पार्टी हाईकमान ने अधिकृत रुप से सुरजीत सिंह चड्ढा को अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी है. अध्यक्ष पद की दौड़ में अरविंद बागड़ी और गोलू अग्निहोत्री के नाम भी शामिल थे, वहीं पूर्व अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को चुनाव तक अध्यक्ष बनाए रखने पर भी चर्चा चल रही थी, लेकिन अंत में सुरजीत सिंह चड्ढा के नाम पर मुहर लगाई गई. इसी के साथ सुरजीत सिंह चड्ढा को ऐसे वक्त यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, जब विधानसभा चुनाव में लगभग 150 दिनों का समय बचा है.

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गौरतलब है कि जनवरी माह यानी 21 जनवरी को प्रदेश कांग्रेस ने विनय बाकलीवाल को अध्यक्ष पद से हटाकर उनके स्थान पर अरविंद बागड़ी को अध्यक्ष बनाया था. शहर अध्यक्ष बनने पर अरविंद बागड़ी के खिलाफ इतना विरोध हो गया कि रातों रात यह मामला पीसीसी प्रमुख कमलनाथ के पास पहुंच गया. कमलनाथ ने दूसरे ही दिन उनको होल्ड कर दिया था. 22 जनवरी को ही उन्हें अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा था. इसके बाद अध्यक्ष पद को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका. 

प्रभारियों के भरोसे रही इंदौर कांग्रेस

इंदौर शहर कांग्रेस से विनय बाकलीवाल को 21 जनवरी को और 22 जनवरी को अरविंद बागड़ी को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से ही इंदौर की कांग्रेस बगैर अध्यक्ष के चल रही थी. यानी इंदौर कांग्रेस का पूरा काम प्रभारियों के भरोसे चल रहा है. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी हाई कमान ने 165 दिनों के लम्बे इंतजार के बाद 6 जुलाई 2023 को सुरजीत चड्ढा को शहर कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंप दी.

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सुरजीत सिंह चड्ढा के अध्यक्ष बनने से पहले शहर अध्यक्ष की दौड़ में कई नाम चल रहे थे. इसमें अरविंद बागड़ी, गोलू अग्निहोत्री, अमन बजाज शामिल थे. इन नामों के साथ साथ वरिष्ठता पूर्व विधायक अश्विन जोशी का नाम भी चल रहा था. अनुभव, वरिष्ठता और योग्यता को देखते हुए पार्टी उन्हें अध्यक्ष पद देना चाहती थी, लेकिन अश्विन ने अध्यक्ष बनने से मना कर दिया था.

शहर के नए कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा का ब्यौरा

तीन बार पार्षद का चुनाव लड़ा.

 एक बार हारे,  दो बार जीते.  

2018 में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक चार से चुनाव लड़ा.

विधायक मालिनी गौड के सामने चुनाव हार गएय.

अध्यक्ष को लेकर कमलनाथ चाहते थे कि गोलू अग्निहोत्री अध्यक्ष बने, जबकि सुरजीत चड्ढ़ा  दिग्विजयसिंह की पहली पसंद रहे.

 सुरजीत के पिता और वरिष्ठ नेता उजागर सिंह को भी अध्यक्ष बनाने में दिग्विजयसिंह की भूमिका रही.

 उजागर सिंह भी इंदौर चार से विधानसभा का चुनाव हारे हैं
 

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