कोरोना योद्धाओं के लिए मध्यप्रदेश सरकार के खोखले वादे, केवल कागजों पर ही बनकर रह गईं योजनाएं

सरकार ने ये भी कहा था कि जिनकी कोरोना से मौत हुई उनके परिवारों को एक लाख रु. मिलेंगे लेकिन ऐलान के बाद भी योजना सिर्फ कागजों में ही है, कोई नियम नहीं बना है.

विज्ञापन
Read Time: 28 mins
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान.
भोपाल:

मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में 5 योजनाओं का ऐलान किया लेकिन 3 महीने बाद भी किसी में नियम नहीं बने तो किसी में आवेदन नहीं मिले, जिनमें मिलने उनमें हितग्राहियों को फायदा नहीं मिला. सरकार ने ये भी कहा था कि जिनकी कोरोना से मौत हुई उनके परिवारों को एक लाख रु. मिलेंगे लेकिन ऐलान के बाद भी योजना सिर्फ कागजों में ही है, कोई नियम नहीं बना है.

भोपाल की आयशा खान का ट्रांसपोर्ट का कारोबार है, प्राइवेट स्कूलों में बसें चलती थीं, "दो साल से कमाई बंद है, सास की कोरोना से मौत हुई, ईलाज में लाखों खर्च हो गये. 20 मई को मध्यप्रदेश सरकार ने ऐलान किया था कोरोना से मौत पर एक लाख रु. देंगे लेकिन अभी तक योजना कागजों में ही है, नियम तक नहीं बने हैं, मेरी सास की तबीयत में जो जमा पैसा था वो भी गया... बिजनेस तो बचा नहीं था, सरकार से थोड़ी उम्मीद थी लेकिन वो एक लाख तो क्या पचास हजार भी नहीं देंगे."

कोरोना के बाद नया खतरा ‘बोन डेथ', खून सप्लाई रुकने से गलने-सड़ने लगती हैं हड्डियां

बड़वानी में जिला अस्पताल में चौकी इंचार्ज बाबूलाल भावेल को कोरोना के लक्षण दिखे, अस्पताल में भर्ती होने के 6 घंटे के अंदर उनकी मौत हो गई, सरकार ने कोरोना योद्धा का सर्टिफिकेट दे दिया लेकिन मुख्यमंत्री कोविड योद्धा कल्याण योजना के 50 लाख रु साल भर बाद भी नहीं मिले, 7 लोगों का परिवार सिर्फ पेंशन के आसरे है.

Advertisement

उनके वरिष्ठ इंस्पेक्टर राजेश यादव ने कहा "प्रधान आरक्षक बाबूलाल चौकी पीएम कराना, अस्पताल संबंधी जांच कराने जैसा जिम्मा संभाल रहे थे ... कोविड सेंटर में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हुई थी उन्हें कोविड सस्पेक्ट बताया था."

Advertisement

कोरोना से हुई है मौत तो परिवार को मिलेगी 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद, CM केजरीवाल का ऐलान

उनकी पत्नी भगवती भावेल अपनी बेटियों की तरफ देखते हुए कहती हैं, "इनके पापा चले गये कोई नहीं रहा, 4 बेटी है बेटा है कोई सहारा नहीं हमारा, बेटी पायल ने मां के साथ ही बोला पापा को सस्पेकेटेड मानकर जांच नहीं की गई, हम पॉजिटिव पाये गये, सारे जवान पॉजिटिव थे. पापा पॉजिटिव नहीं थे तो हम कैसे पॉजिटिव आ गये. सरकार ने हमारे लिये कुछ नहीं किया."

Advertisement
Advertisement

सुरेश शेजवाल टीकमगढ़ में एसडीओपी थे पहली लहर में खूब काम किया लगातार सड़क पर अपनी टीम का हौसला बढ़ाते रहे. काम के दौरान ही ब्रेन हैमरेज हुआ, मौत हो गई. सरकार ने गार्ड ऑफ ऑनर दे दिया लेकिन कोरोना योद्धा का सर्टिफिकेट नहीं. एसपी ने अर्जी बढ़ाई लेकिन कलेक्टर ने ठुकरा दी. उनकी पत्नी सुरेखा शेजवाल कहती हैं, "सरकार से कोई मदद नहीं मिली, एसपी ने खत लिखा कलेक्टर को दिया. कलेक्टर ने अमान्य कर दिया. मुख्यमंत्री की कल्याण निधि योजना में स्पष्ट लिखा है ड्यूटी में आकस्मिक मौत होती है तो कोरोना योद्धा घोषित किया जाएगा. मैं हकदार हूं, साल भर हो गया कुछ नहीं मिला. उन्होंने लिख दिया मैं नौकरी में हूं. अधिकारियों का रवैया देखकर नहीं लगता कि मुझे लाभ मिल पाएगा'

मध्यप्रदेश में कोरोना से 150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की मौत हुई. 112 पुलिसकर्मियों की पहली लहर में मौत हुई, 40 की दूसरी लहर में 12000 से ज्यादा संक्रमित हुए. लेकिन अभी तक सिर्फ 7 पुलिसकर्मियों को ही 50 लाख मुआवजा मिला है. 27 की अर्जी ठुकरा दी गई.

पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा "देखिये नरेन्द्र मोदी की सरकार भी झूठी, शिवराज की सरकार भी झूठी 152 पुलिसकर्मी कोरोना में अपनी जान हथेली पर लगे थे उनकी मृत्यु हुई है, ये सरकार सिर्फ 7 को मृतक मान रही है क्योंकि हर परिवार को 50 लाख देने पड़ेंगे, नौकरी देनी होगी मैंने डीजीपी से खत लिखकर कहा जिन लोगों ने जान हथेली पर रखी है उनके साथ दुर्व्यवहार मत करो."

ऊंची पॉजिटिविटी वाले 62 फीसदी जिले पूर्वोत्तर राज्यों के, शीर्ष अधिकारी लेंगे हालात का जायज़ा

मुकेश खरे की पत्नी प्रीति खरे भोपाल के हुजूर तहसील में पटवारी थी, कभी नाके पर चैकिंग, तो कभी गांव में कोरोना जांच में लगी रहीं, ड्यूटी निभाते हुए नवंबर में कोरोना संक्रमित हुई. इलाज में 8-9 लाख रुपए खर्च हो गए तन-मन-धन से टूट गये लेकिन सरकार की कोरोना योद्धाओं के लिये चलाई योजना से कोई लाभ नहीं मिला. "मेरी पत्नी गांव में ड्यूटी के दौरान कोरोना से पीड़ित हुई 12 नवंबर को भर्ती हुई वेंटिलेटर पर रहीं मौत हो गई, कोरोना योद्धा योजना में काफी कोशिश की लेकिन शासन से निरस्त हो गया. उनका कहना है कि योजना 30 अक्तूबर को खत्म हो गई लाभ नहीं मिलेगा."

सरकार ने कोरोना में 5 भारी भरकम ऐलान तो कर दिये लेकिन हकीक़त देखिये

योजना-1- मुख्यमंत्री कोविड योद्धा कल्याण योजना
ड्यूटी के दौरान सरकारी कर्मचारी की मौत पर परिजनों को 50 लाख रु., अनुकंपा नियुक्ति.
पहली लहर में 38 मामलों में 19 करोड़ रु. का भुगतान, दूसरी लहर में 94 आवेदन

योजना-2- मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना
1 मार्च 2021 से 30 जून, 2021 तक लागू , सारे सरकारी कर्मचारी जिनको तनख्वाह राज्य की संचित निधि से होता है. 5 लाख रु. की मदद का प्रावधान पेंच ये है कि ग्रेच्युटी और एक्सग्रेसिया की राशि 5 लाख से अधिक होगी तो कोई अनुग्रह राशि नहीं मिलेगी
39 आवेदन मिले

योजना-3- मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति
1 मार्च से लेकर 30 जून 2021 में सरकारी कर्मचारी की मौत पर आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति. 14 आवेदन आये नियुक्ति किसी को नहीं मिली

योजना-4- मुख्यमंत्री कोविड - 19 बाल सेवा योजना
1 मार्च से 30 जून 2021 तक लागू - माता-पिता या अभिभावक की मौत पर 18 साल से कम उम्र के बच्चे को 5000रु. प्रतिमाह की मदद, मुफ्त शिक्षा.
395 आवेदन मिले, 323 पात्र, 228 की सहायता मंजूर।

योजना-5- कोरोना में मृत व्यक्ति के परिवार को 1 लाख रुपए
20 मई को हुआ ऐलान, नियम तक नहीं बने, लेकिन 800 आवेदन आए

सरकार फिर भी कह रही है सब वायदे पूरे होंगे, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा "सरकार ने जो योजनाएं लागू की हैं, घोषणा की है अमली जामा पहनेगी, ये कमलनाथ की सरकार नहीं है जो मुख्यमंत्री के आराम के लिये उनके हवाई जहाज की योजना बनाती है जनता की संबल योजना बंद कर देती है जो मुख्यमंत्री ने कहा है वो अक्षरश: लागू होगा." वैसे इन ऐलानों में सबसे बड़ा रोड़ा कलेक्टर की मुहर का पेंच और ये भी कि कोरोना पॉजिटिव होने के 60 दिनों के अंदर मौत पर ही परिजनों को मदद मिलेगी.
 

रवीश कुमार का प्राइम टाइम : कोविड योद्धा कल्याण योजना पर भी अमल में लापरवाही

Featured Video Of The Day
Bangladeshi Beauty Queen Meghna Alam पर Police का Saudi Diplomat को Honey Trap में फंसाने का आरोप?
Topics mentioned in this article