छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला कैसे हुआ उजागर? कैसे हुआ शराब घोटाला और क्या आरोप है?

छत्तीसगढ़ सरकार के करीबी अफसर आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सीएम सचिवालय की तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई 2022 को याचिका दायर की. जिसमें ये कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली का बेहिसाब पैसा का खेल चल रहा है.

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रायपुर:

देश में इन दिनों दो कथित शराब घोटाले की बड़ी चर्चा है. एक देश की राजधानी दिल्ली का शराब घोटाले की तो दूसरे कांग्रेस शासित छतीसगढ़ में 2161 करोड़ के शराब घोटाले की. दोनों जगह के शराब घोटाले सियासी मुद्दा बन चुके है. दिल्ली और  छत्तीसगढ़ दोनों जगह की सत्ताधारी पार्टियां केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसी के दुरूपयोग का आरोप लगा रही है. दोनों घोटाले में समानता लेकिन असल में दोनों जगह के शराब घोटाले में काफी अंतर है.

छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला कैसे हुआ उजागर?

छत्तीसगढ़ सरकार के करीबी अफसर आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सीएम सचिवालय की तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई 2022 को याचिका दायर की. जिसमें ये कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली का बेहिसाब पैसा का खेल चल रहा है. जिसमे रायपुर महापौर एजाज ढेबर का भाई अनवर धेनर अवैध वसूली करता है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. आयकर विभाग से मिले दस्तावेज के आधार पर ED ने अब तक की जांच, गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की बात को कोर्ट में पेश चार्जशीट जिक्र किया है.

कैसे हुआ शराब घोटला-क्या आरोप है.

ED ने अपनी चार्जशीट में बताया कि किस तरह से रायपुर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के अपराधिक सिंडिकेट के जरिये आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है. ED ने चार्जशीट में कहा है की साल 2017 में एक अच्छे मकसद से आबकारी नीति में संसोधन करके csmcl के जरिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया. लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किन पिन अनवर ढेबर ने अरुण पति त्रिपाठी को csmcl का एमडी नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिये भ्रस्टाचार किया गया जिसमें 2161 करोड़ का घोटाला हुआ है. ED ने अपनी चार्ज शीट में 3 स्तर का घोटाला बताते हुए पार्ट A,B,C में बांटा है.

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Part A के तहत csmcl के एमडी अरुण पति त्रिपाठी अपने पसंद डिस्टिलर की शराब को परमिट करना था जो रिश्वत कमीशन को लेकर सिंडिकेट का हिस्सा हो गए थे देशी शराब के एक केस पर 75 रुपये कमीशन दिया जाना था, जिसे त्रिपाठी डिस्टलर और सप्लायर से कमीशन लेकर एक्सेलशीट तैयार करते किससे कितना कमीशन आया उसे अनवर ढेबर को दिया जाता था.

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Part B अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी  के सिंडिकेट ने देशी शराब और अंग्रेजी शराब ब्रांड के होलोग्राम बनाकर बेहिसाब शराब csmcl की दुकानों में बेचीं जिससे सीधे तौर से राजस्व की राज्य को हानि हुई.

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Part C में डिस्टिलर और ट्रांसपोर्टर से एनुअल कमीशन शामिल है अपराधिक सिंडिकेट के जरिये  csmcl की दुकानों में सिर्फ  तीन ग्रुप की शराब बेचीं जाती थी जिसमे केडिया ग्रुप की शराब 52 प्रतिशत, भाटिया ग्रुप को  30 प्रतिशत और वेलकम ग्रुप को १८ प्रतिशत हिस्सा शामिल है.

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छ्त्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपी

ED ने छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. रायपुर एजाज ढेबर के कारोबारी भाई अनवर ढेबर, csmcl के एमडी रहे अरुणपति त्रिपाठी शराब कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित और अरविन्द सिंह को गिरतार किया है जो जेल में बंद है. लोअर कोर्ट में सभी की जमानत याचिका ख़ारिज हो चुकी है.

दिल्ली शराब घोटाला

दिल्ली सरकार ने 2021 दिल्ली के लिए नई आबकारी नीति बताई जिसको लेकर ये कहा गया की शराब सस्ती हो जाएगी, जिसपर विपक्ष ने सरकार की नियत पर सवाल खड़े कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये और जुलाई 2022 में दिल्ली के उप राज्यपाल ने दिल्ली के उपसचिव से शराब नीति पर रिपोर्ट मांग ली उस रिपोर्ट पर उप राज्यपाल ने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी. उसी केस में सीबीआई ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मुख्या आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया है इस मामले में 15 से जयादा लोगों को आरोपी बनाया.

दिल्ली शराब नीति पर आरोप

शराब बेचने वाली कंपनी की  144.36 करोड़ की लाइसेंस फीस माफ़ कर दी गई.

टेंडर में शामिल L1 कंपनी की डिपाजिट 30 करोड़ की अर्नेस्ट मनी वापस कर दी गई.

शराब के प्रति केस पर 50 रूपए की छूट दी गई ब्लैक लिस्टेड कंपनी को भी ठेका दिया गया

कैबिनेट में मनमाने तरीके से प्रस्ताव पास कराये गए

डिस्टिलर को फायदा पहुचाने ड्राई डे की संख्या घटाकर 3 कर दी गई जबकि पहले 21 दिन हुआ करते थे

ठेकेदारों का 2.5 प्रतिशत कमीशन को 12 प्रतिशत कर दिया गया

दिल्ली में आम आदमी पार्टी और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है अलग-अलग पार्टी की सरकार है लेकिन दोनों केंद्र सरकार पर एजेंसी के दुरूपयोग का आरोप लगा रही है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है जहां विपक्ष की सरकार वहां ED IT CBI रेड करती है छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार को बदनाम करने ये कार्रवाई की जा रही है. केन्द्रीय एजेंसी ED हो या IT भाजपा के अनुसांगिक संगठन की तरह काम करती है छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले ED को भेज दिया गया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर आरोप लगते हुए कहा की दिल्ली सरकार आम लोगों के लिए स्कूल अस्पताल बना रही है. लोगों के लिए काम कर रही इसलिय उनके शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाया गया है. लेकिन आम आदमी पार्टी अपना काम करती रहेगी.

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