Chhattisgarh Naxal Attack: छत्तीसगढ़ में बीजापुर और सुकमा जिलों की सीमा के बीच एक जंगल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू (Tamradhwaj Sahu) ने बीजेपी पर बरसते हुए कहा कि पिछले 2 साल में एक भी फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई. NDTV से बातचीत में उन्होंने बताया कि नक्सली हमले में 5 जवान शहीद हुए हैं जबकि कई लापता हैं, जिनकी खोजबीन की जा रही है. घटना पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि नक्सल के खिलाफ हमारे फोर्स हमेशा सर्चिंग अभियान के लिए जाते रहते हैं, इसी कड़ी में वह 2 अप्रैल को भी अभियान के लिए निकले थे. जिसमें एसटीएफ, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के करीब 1500 जवान शामिल थे. उन्होंने बयाया जवान पांच ग्रुप बना कर गए हुए थे, जब आगे बढ़ने लगे तब 3 से 4 घंटे तक फायरिंग हुई. उन्होंने बताया कि इस घटना में 5 जवान शहीद हुए हैं, जिसमें से 2 का शव बरामद हुआ है जबकि 3 का शव अभी भी नहीं मिला है. इसके अलावा कुछ घायलों का बीजापुर अस्पताल में इलाज चल रहा है, जो ज्यादा गंभीर थे उन्हें रायपुर में अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया है.
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ताम्रध्वज साहू के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सल के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार किया है. इस पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम विकास बस्तर के इलाकों में पहुंचा कर नक्सली गतिविधियों को खत्म करना चाहते हैं. इस दौरान वह बीजेपी की पूर्व की सरकार पर भी जमकर नाराजगी जाहिर करते हुए दिखाई दिए. साहू के अनुसार पिछले 2 सालों में एक भी फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई है एक भी आदिवासियों की मारे जाने की खबर नहीं है, लीपापोती का कोई काम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इन 2 सालों में सर्वाधिक नक्सली मारे गए हैं, सर्वाधिक नक्सली सरेंडर किए हैं, सर्वाधिक नक्सली गिरफ्तार किए गए. उन्होंने कहा कि बीजेपी 15 साल सरकार में थी, उन्होंने कौन सी ऐसी नक्सल नीति बनाई. सवाल दागते हुए उन्होंने पूछा कि क्या बीजेपी ने 15 सालों के शासन में नक्सली मोमेंट खत्म कर दिया.
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गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के अनुसार नक्सलियों के सबसे बड़े लीडर हिडमा के गांव तक हमारे जवान पहुंचे हुए थे, उन्होंने इस हादसे के लिए इंटेलिजेंस टीम का बचाव करते हुए कहा कि इंटेलिजेंस की इसमें कोई चूक नहीं है. उनका अपना काम है, वह लगातार जानकारी बताते रहते हैं. उन्होंने कहा कि नक्सल उस इलाके में 30 से 40 साल से सक्रिय हैं, उनके सामने सारे रास्ते हैं, इसलिए कहीं-कहीं पर थोड़ी परेशानी आ जाती है.