मध्यप्रदेश में विद्युत सप्लाई को नियंत्रित करने वाले जबलपुर स्थित प्रदेश लोड डिस्पेच सेंटर में संचालित अत्याधुनिक इन्फारमेशन टेक्नॉलाजी के सिस्टमों को सुरक्षित करने के लिए केन्द्र सरकार ने इसे क्रिटिकल एवं प्रोटेक्टेट सिस्टम माना है. इसकी अब राष्ट्र धरोहर के रूप में सायबर सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अधोसंरचना संरक्षण केन्द्र दिल्ली (NCIIPC) ने इसे मध्यप्रदेश के गजट नोटिफिकेशन कराने के निर्देश भी जारी किए हैं.
अब केन्द्रीय एजेंसी भी करेगी लोड डिस्पेच की साइबर सुरक्षा
मध्यप्रदेश पावर ट्रासंमिशन कंपनी के राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर के मुख्य अभियंता केके प्रभाकर ने बताया कि पावर सेक्टर में भारत सरकार के नियमों के तहत अब प्रदेश लोड डिस्पेच सेंटर की साइबर सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे. एक तरह से लोड डिस्पेच सेंटर अब राष्ट्र की धरोहर के रूप में अपना कार्य करेगा.
साइबर अटैक से प्रभावित नहीं होगी विद्युत आपूर्ति
इस सिस्टम के लागू और अनुमोदित होने के बाद अब मध्यप्रदेश की जनता को किसी साइबर अटैक के कारण विद्युत आपूर्ति में बाधा का सामना नहीं करना पडे़गा. लोड डिस्पेच की चार प्रणालियां स्काडा, रिन्युवल इनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम, यूनिफाइड रियल टाइम डायनामिक सिस्टम तथा वेब आधारित इनर्जी शेड्यूलिंग सिस्टम इस साइबर सुरक्षा प्रणाली से पाबंद रहेंगे.
हैकिंग मानी जाएगी आतंकी गतिविधि
केन्द्र सरकार के अनुमोदन के बाद प्रदेश के बिजली तंत्र के लिए सुरक्षा की दोहरी प्रणाली रहेगी. हनी पॉट डिवाइस से इस प्रणाली को साइबर अटैक से और सुरक्षित किया जा रहा है. केन्द्र सरकार के कानून के तहत अब लोड डिस्पेच सेंटर की प्रणाली में कोई इंटरनेट के जरिए छेड़छाड़ या हेकिंग जैसा कुछ प्रयास करता है तो इसे राष्ट्र की सुरक्षा पर हमला माना जाएगा और उसके विरुद्ध इन्फारमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बैठकों के 15 दौर के बाद मिल पाई सफलता
राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर द्वारा विकसित साइबर सुरक्षा प्रणाली को मान्यता देने के लिए केन्द्र सरकार की मुंबई स्थित राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अधोसंरचना संरक्षण केन्द्र (NCIIPC) के साथ 15 बैठकें हुईं जिसमें राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर के मुख्य अभियंता केके प्रभाकर के मार्गदर्शन में इस प्रणाली को विकसित करने वाले राज्य लोड डिस्पेच सेंटर, जबलपुर के अधीक्षण अभियंता राजेश गुप्ता ने मध्यप्रदेश पावर ट्रासंमिशन कंपनी का प्रतिनिधित्व कर यह सफलता हासिल की.