छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर केंद्र की ‘उड़ान-5.0' योजना में राज्य के बिलासपुर शहर को शामिल करने का अनुरोध किया ताकि अन्य स्थानों से जुड़ने के लिए इससे नियमित उड़ान सेवाएं संचालित हो सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर से नियमित हवाई सेवा आवश्यक है क्योंकि यह छत्तीसगढ़ का दूसरा महत्वपूर्ण शहर है, जहां से उच्च न्यायालय कार्य करता है.
बघेल ने पत्र में कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बिलासपुर को ‘उड़ान-5.0' योजना में शामिल नहीं किया है. केंद्र सरकार के इस फैसले से बिलासपुर क्षेत्र के लोग निराश हैं.'' नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश के दूरस्थ और क्षेत्रीय स्थानों का संपर्क बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़े देश का आम नागरिक' (उड़ान) के पांचवां चरण की शुरुआत की है. यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने पुष्टि की कि बिलासपुर को उड़ान योजना में शामिल नहीं किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं अरुण साव (छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष) को बताना चाहता हूं कि हमने हवाई अड्डे के निर्माण और उड़ान योजना के तहत लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 45 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. अरुण साव को धरने पर बैठना चाहिए क्योंकि उनके लोकसभा क्षेत्र को उड़ान योजना में शामिल नहीं किया गया है. अब वह जनता का सामना कैसे करेंगे?'' साव बिलासपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं.
पत्र में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बिलासपुर हवाई अड्डे पर हवाई सेवा शुरू करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के परामर्श से टर्मिनल निर्माण, रनवे विस्तार, सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 45 करोड़ रुपये खर्च किए थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लगातार प्रयासों के चलते बिलासपुर हवाई सेवा के जरिये जबलपुर, नयी दिल्ली, प्रयागराज, इंदौर आदि शहरों से जुड़ सका. बघेल ने कहा कि बिलासपुर से आने और जाने वाली सभी उड़ानों में यात्रियों की संख्या बेहतर रही है. हालांकि, बाद में अज्ञात कारणों से इंदौर के लिए उड़ान सेवा बंद कर दी गई.
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