भोपाल : धधकता रहा सतपुड़ा भवन, 40 मीटर दूर 'सफेद हाथी' बन खड़ी रही ₹5.5 करोड़ की ऑटोमैटिक हाइड्रोलिक मशीन

आग सोमवार शाम करीब चार बजे सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल से शुरू हुई, जहां आदिवासी कल्याण विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय स्थित है. यह तेजी से तीन ऊपरी मंजिलों तक फैल गई. एयर कंडीशनर और गैस सिलेंडरों के संपर्क में आने पर कई विस्फोट हुए. 

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5-5 करोड़ की मशीन को करीब नौ महीने पहले बहुत धूमधाम से खरीदा गया था.
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सतपुड़ा भवन में आग लगने से कई सरकारी दस्तावेज नष्ट हो गए.
आग बुझाने में 5.5 करोड़ रुपये की मशीन का इस्‍तेमाल नहीं हो सका.
यह मशीन 18 मंजिल तक आग बुझाने में मददगार कर सकती है.
भोपाल:

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दूसरे सबसे बड़े सरकारी दफ्तर में लगी आग पर काबू पाने में 15 घंटे से अधिक वक्त लग गया. सात मंजिला सतपुड़ा भवन में आग लगने से सरकारी कार्यालय और दस्तावेज नष्ट हो गए. इस दौरान अग्निशमन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली साढे 5 करोड़ रुपये की आधुनिक हाइड्रोलिक लैडर सिर्फ 40 मीटर की दूरी पर खड़ी थी. इसे 18 मंजिल तक ऊंची इमारतों में आग बुझाने में मदद करने के लिए करीब नौ महीने पहले बहुत धूमधाम से खरीदा गया था.

सूत्रों के मुताबिक, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से मंजूरी नहीं मिलने और योग्य कर्मियों की कमी के कारण यह भोपाल में हालिया सालों में लगी सबसे बड़ी आग से लड़ने में कोई भूमिका नहीं निभा सकी. आग बुझाने में सेना और भारतीय वायु सेना को शामिल होना पड़ा और आखिरकार करीब 15 घंटे के बाद आग पर काबू पाया जा सका.  

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "हाइड्रोलिक मशीन के अंदर जाने के लिए जगह नहीं थी. रास्ता रोकते हुए वहां पार्किंग बना दी गई है. आज सुबह ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़े भवनों (अग्निशमन वाहनों के प्रवेश के लिए) में पर्याप्त जगह सुनिश्चित करने की व्यवस्था करने का आदेश दिया है."

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हाइड्रोलिक लैडर खरीदने से पहले फायर ब्रिगेड सीढ़ी और मशीनों का उपयोग कर रहा था, जो केवल तीन-चार मंजिलों तक पहुंच सकते थे. सोमवार के ऑपरेशन में उन्हीं सीढ़ियों का इस्तेमाल किया गया था. नई हाइड्रोलिक लैडर को संचालित करने के लिए चार से पांच लोगों को प्रशिक्षित किया गया था, हालांकि सूत्रों का कहना है कि आग लगने के समय उनमें से कोई भी उपलब्ध नहीं था.

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आग सोमवार शाम करीब चार बजे सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल से शुरू हुई, जहां आदिवासी कल्याण विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय स्थित है. आग तेजी से तीन ऊपरी मंजिलों तक फैल गई. आग के एयर कंडीशनर और कुछ गैस सिलेंडरों के संपर्क में आते ही कई विस्फोट हुए. 

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इस मामले में भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्रा का कहना है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट लग रहा है, लेकिन जांच के लिए टीम गठित की गई है.

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