छत्तीसगढ़ में किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन में हिस्सा लेने वाले एक 66 वर्षीय किसान की प्रदर्शन स्थल के पास मौत हो गई है. नवा रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहण को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान की मौत की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है. हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि वह धरने के दौरान बेहोश हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई. उनका दावा है कि दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई है.
सियाराम पटेल नवा रायपुर क्षेत्र के बड़ौदा गांव के किसान थे. नवा रायपुर विकास प्राधिकरण ने मृतक किसान सियाराम पटेल की जमीन का भी अधिग्रहण किया था. सियाराम भी मुआवजा, रोजगार और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर पिछले 60 दिनों से चल रहे धरना प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे.
रायपुर जिले के नवा रायपुर के अटल नगर में आने वाले 27 गांवों के किसान बेहतर पुनर्वास और मुआवजे समेत विभिन्न मांगों को लेकर जनवरी महीने से नई राजधानी परियोजना प्रभावित किसान कल्याण समिति (NRPPKKS) के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं.
कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट सब-कमेटी ने किसानों की 8 में से 6 मांगों को स्वीकार किया था और अपने विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने की अपील की थी. इस बीच, दो अन्य मांगों पर कानूनी सलाह मांगी जा रही है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसान सियाराम पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया है और उनके परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व सीएम रमन सिंह ने भूपेश बघेल पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया, "यही है कांग्रेस का "मौत का मॉडल"! दो महीने से अधिक समय से किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन स्वघोषित तथाकथित किसान पुत्र भूपेश बघेल कुम्भकर्णी नींद में सो रहे हैं. आज आंदोलन करते हुए एक अन्नदाता ने दम तोड़ दिया. किसान की मौत का जिम्मेदार कौन है?"