महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री (सीएम) कौन होगा, इसपर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. चुनाव नतीजे आने के तीन दिन बाद भी मुख्यमंत्री के नाम को लेकर आम सहमति नहीं बन पा रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का महायुति गठबंधन के अन्य घटक दलों के साथ बैठकों का दौर जारी है. महाराष्ट्र में सियासी खींचतान के बीच शिवसेना के प्रवक्ता ने एक बड़ा बयान दिया है. शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने बुधवार को कहा कि सीएम किस पार्टी का हो इसके लिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आखिर किस दल के सबसे ज्यादा विधायक हैं. सवाल है आंदोलन का सामना किसने किया है? इस चुनाव में जो जीत मिली है उसके पीछे शिंदे साहब का चेहरा सबसे अहम रहा है.
शिरसाट ने आगे कहा कि हम मानते हैं कि इस जीत में आरएसएस का सहयोग भी रहा लेकिन संघ का रोल चुनाव के बाद खत्म हो गया. वो राजनीतिक फैसलों में नहीं पड़ते हैं. त्याग तो हमने किया था. सत्ता छोड़कर आये थे. गद्दारी, धोखा क्या-क्या आरोप नही लगे थे लेकिन हमने सबसे उबर कर दिखाया. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली से अभी तक कोई संदेश नहीं आया है. शिरसाट ने रामदास आठवले की बातों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि रामदास आठवले को गंभीरता से मत लीजिए. मैं आपसे ये साफ कर देना चाहता हूं कि शिंदे साहब महाराष्ट्र की राजनीति छोड़कर दिल्ली नहीं जाएंगे. और हमारे पास ऐसा कोई ऑफर अभी तक आया भी नहीं है.
क्या है आंकड़ों का खेल
आपको बता दें कि इस चुनाव में BJP को चुनाव में 132 सीटें मिली हैं. शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि NCP(अजित पवार गुट) ने 41 सीटों पर कब्जा किया है. अगर बात महाराष्ट्र में बहुमत के आंकड़े की करें तो वो 145 सीटों का है. यानी बीजेपी अपने दम पर सत्ता में आने से 13 सीटें से दूर रही गई है. इसके बावजूद भी सूबे की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते ये मानकर चला जा रहा है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री बीजेपी से ही सकता है. CM के लिए देवेंद्र फडणवीस की सबसे मजबूत दावेदारी मानी जा रही है, लेकिन शायद एकनाथ शिंदे को ये मंजूर नहीं है. लिहाजा महायुति की ओर से मुख्यमंत्री के नाम पर फाइनल मुहर नहीं लग पाई है. अब सूत्रों के मुताबिक, BJP जल्द ही ऑब्जर्वरों को मुंबई भेजेगी. अगले दोन दिन में ऑब्जर्वरों का नाम फाइनल किया जाएगा.
शिंदे गुट के पास कोई ऑप्शन भी नहीं
ऐसे में सवाल ये है कि अगर देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो एकनाथ शिंदे क्या करेंगे? जानकारों का मानना है कि पहले मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस अगर अपने से जूनियर मंत्री रहे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री बनकर रह सकते हैं, तो देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में एकनाथ शिंदे क्यों नहीं ऐसा कर सकते? BJP की संख्या बल को देखते हुए आखिर उनके पास दूसरा कोई विकल्प भी तो नहीं है.
आठवले ने फडणवीस का किया समर्थन
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रमुख सहयोगी दल आरपीआई (ए) के नेता रामदास आठवले ने मंगलवार को महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पर शीघ्र निर्णय लेने का आह्वान किया और सुझाव दिया कि मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को केंद्रीय मंत्री के रूप में केंद्र में लाया जाना चाहिए.आठवले ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस का समर्थन किया और कहा कि भाजपा ने 288 सदस्यीय विधानसभा में अधिकतम सीट जीती हैं और राज्य में मुख्यमंत्री पद पर उसका अधिकार होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक अजीब स्थिति पैदा हो गई है जहां भाजपा के नेता फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में चाहते हैं जबकि शिवसेना के नेता चाहते हैं कि शिंदे इस पद पर बने रहें. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने घोषणा की है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं.