टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) विजेता टीम इंडिया के विक्ट्री परेड (Victory Parade) को देखने मुंबई के मरीन ड्राइव पर जिस तरह लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए वो ऐतिहासिक और अद्भुत था. हालांकि यहां पर अनुमान से कहीं अधिक भीड़ पहुंच गई थी और इसके कारण मुंबई पुलिस के हाथ-पांव भी फूल गए थे. गनीमत रही कि कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई, लेकिन भीड़ के दौरान मोबाइल चोरों ने कई जेबों पर हाथ साफ किया और यहां से 60 से ज्यादा मोबाइल फोन चोरी हो गए.
टीम इंडिया के स्वागत के लिए मुंबई के मरीन ड्राइव पर जन सैलाब नजर आया और यह दृश्य अद्भुत था. हालांकि सब कुछ जाम हो गया था और लोग जहां थे वहीं फंस गए थे. खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मुंबई पुलिस आयुक्त को फोन कर व्यवस्था चुस्त करने की हिदायत देनी पड़ी थी.
पुलिस ने की मरीन ड्राइव न आने की अपील
पुलिस को भी ट्वीट कर मरीन ड्राइव पर और लोगों से ना आने की अपील करनी पड़ी. वहीं चर्चगेट रेलवे स्टेशन पर भी लोगों से मरीन ड्राइव ना जाने की अपील की जाने लगी, लेकिन लोग थे कि मानने को तैयार ही नहीं थे. सब पर बस अपने प्यारे क्रिकेट सितारों की एक झलक देखने का धुन सवार था. नतीजा विक्ट्री बस गुजरने के बाद जो अफरातफरी मची वो भयानक थी.
9 लोगों को अस्पताल में कराया गया था भर्ती
अनुमान से कहीं अधिक आई भीड़ को काबू करना पुलिस के भी बस में नहीं था. कुछ लोगों का दम घुटने लगा तो कुछ को चोट आई. ऐसे में एक शोरूम के कर्मचारियों ने मदद कर कई लोगों की जान बचाई. नाईका लक् स शोरूम के असिस्टेंट मैनेजर आदिल सकानी ने कहा कि लोग एक दूसरे पर गिर रहे थे. किसी का फ्रैक्चर हो गया था. हमने भीड़ में से डॉक्टरों को बुलाया. पुलिस को इसी सूचना दी और उन्हें अस्पताल पहुंचाया.
जानकारी के मुताबिक बेहोश होने और जमीन पर गिरने वाले 9 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से 7 को रात में ही प्राथमिक उपचार कर घर जाने दिया गया.
कर्मचारियों ने बरामए किए 5 जीप भरकर जूते-चप्पल
भारी भीड़ से अफरातफरी में लोगों के फोन और कीमती सामान भी गायब हो गए. मरीन ड्राइव पुलिस थाने में 60 से अधिक मोबाइल फोन चोरी की शिकायतें मिली हैं. वहीं चप्पल जूते तो पूरे मरीन ड्राइव पर बिखरे पड़े थे, जो वहां के हालात को बयां कर रहे थे.
बीएमसी के मुताबिक, उनके 100 कर्मचारियों ने 5 जीप भरकर जूते और चप्पल जमा किए हैं.
80 हजार का अनुमान, आए 5 लाख लोग!
यूबीटी सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि बीसीसीआई ने आह्वान किया था. बीसीसीआई और पुलिस के बीच कोऑर्डिनेशन नहीं था. साथ ही उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर सवाल उठाए और कहा कि इन्होंने प्लानिंग ही नहीं की थी.
रिटायर एडीजी पीके जैन ने कहा कि ऐसी पब्लिक को कंट्रोल करना पुलिस के लिए संभव नहीं है और इतनी भीड़ एक जगह पर इकट्ठा ना हो यह देखना ऑर्गेनाइजर का काम था, इस तरह का आह्वान नहीं करना चाहिए था.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक उनका अनुमान था कि 80 हजार के करीब लोग आएंगे और उनमें से भी 40 हजार स्टेडियम में चले जाएंगे. हालांकि 5 लाख के करीब लोग आए और यह गनीमत रही कि कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई. हालांकि मुंबई पुलिस आयुक्त ने ट्वीट कर भीड़ मैनेजमेंट के लिए अपने पुलिस अफसरों और जवानों की तारीफ की है.
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