राज्य में आगामी महानगरपालिका चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों ही अपने-अपने स्तर पर सीट बंटवारे की रणनीति तय करने में जुट गए हैं. आज राज्य के कई शहरों में महत्वपूर्ण बैठकें होने जा रही हैं, जहां गठबंधन का स्वरूप, तालमेल और सीटों की संख्या पर अंतिम निर्णय संभव है.
छत्रपति संभाजीनगर
छत्रपति संभाजीनगर महानगरपालिका चुनाव के लिए आज शिवसेना और भाजपा के बीच अहम बैठक शिवसेना विधायक व मंत्री संजय शिरसाट के निवास पर आयोजित की जा रही है. इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत बावनकुले, मंत्री अतुल सावे, सांसद भागवत कराड, विधायक संजय केणेकर और जिला अध्यक्ष किशोर शितोळे शामिल होंगे. बैठक में महापालिका से जुड़े लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी और यह तय हो सकता है कि दोनों पार्टियां साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी या अलग‑अलग.
मीरा-भायंदर महानगरपालिका
मीरा-भायंदर में आज शिंदे सेना के मंत्री प्रताप सरनाईक और भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता के बीच बैठक होगी. मुख्य मुद्दा सीट बंटवारा ही है. जिस पर शिंदे गुट नाराज है क्योंकि उन्हें अपेक्षित सीटें नहीं मिल रही हैं. उधर, अजित पवार की एनसीपी भी यहां अलग चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जिससे समीकरण और जटिल हो सकते हैं.
नवी मुंबई महानगरपालिका
नवी मुंबई महानगरपालिका में आज अजित पवार की एनसीपी और उसके सहयोगी दलों की बैठक होगी. यहां 'पुणे पैटर्न' अपनाकर दोनों एनसीपी गुटों के एकसाथ चुनाव लड़ने की संभावना पर चर्चा होगी. जिला अध्यक्ष भरत जाधव ने इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष शशिकांत शिंदे से भी बात की है.
मुंबई महानगरपालिका
मुंबई महानगरपालिका चुनाव के लिए कांग्रेस नए सहयोगी की तलाश में है. आज कांग्रेस और वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के नेताओं की बैठक होगी. कांग्रेस VBA को 40 सीटें देना चाहती है, जबकि प्रकाश अंबेडकर की पार्टी 70+ सीटों की मांग कर रही है. बैठक में इसी पर अंतिम चर्चा होगी.
पनवेल महानगरपालिका
पनवेल में भाजपा के खिलाफ पूरा विपक्ष एक मंच पर उतरने की कोशिश में है. शेतकरी कामगार पक्ष (शेकाप) की अगुवाई में UBT शिवसेना, कांग्रेस, मनसे, एनसीपी (शरद पवार), समाजवादी पार्टी और VBA की बैठक होगी. मुख्य मुद्दे सीट बंटवारा और चुनावी रणनीति है. पिछले चुनाव में भाजपा ने 51 सीटें, जबकि शेकाप ने 23 सीटें जीती थीं.
अन्य महानगरपालिका के लिए भी होंगी बैठकें
राज्य की बाकी महापालिकाओं में भी सीट बंटवारे और गठबंधन के फ़ॉर्मूले पर चर्चा का दौर जारी है. चुनाव नज़दीक हैं, इसलिए सभी दल तेजी से रणनीति तय करने में जुटे हैं.
पुणे: बंडखोरी रोकने के लिए बीजेपी की नई रणनीति
पुणे चुनाव के लिए भाजपा फिलहाल उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं करेगी. सूत्रों के मुताबिक, बगावत की आशंका को देखते हुए वरिष्ठ नेताओं ने सीधे संभावित उम्मीदवारों को फोन और संदेश भेजकर निर्देश दिए हैं- 'काम में लगो, तैयारी शुरू करो.' पुणे के लगभग 25-30 नेताओं को यह संदेश दिया गया है. सूची जारी करने से पहले ही तैयारी शुरू करवाना भाजपा का बंडखोर तत्वों को नियंत्रित करने का नया तरीका माना जा रहा है.
सातारा: महायुति में आंतरिक विवाद भड़का
सातारा में महायुति गठबंधन का अंदरूनी विवाद खुलकर सामने आ गया है. ‘दहशत' और ‘नाद' (पंगा लेना) जैसे शब्दों को लेकर मंत्री जयकुमार गोरे और पालक मंत्री शंभूराज देसाई आमने‑सामने आ गए. फलटण में भाजपा की विजय सभा में जयकुमार गोरे ने दाढ़ी सहलाते हुए चेताया कि हमें भी दहशत पसंद नहीं... हमारे नाद मत लगो. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से देसाई पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग शिवसेना की दहशत की बात कर रहे हैं, वे समझ लें कि उनका भी जवाब दिया जाएगा. इस पर देसाई का कड़ा पलटवार आया. उन्होंने कहा कि अगर गोरे 'मेरा नाद मत करो' कहते हैं, तो जनता समझ ले कि दहशत कौन फैला रहा है.
देसाई ने चेतावनी दी कि सातारा में किसी भी तरह की दहशत, धमकाने या दादागिरी की भाषा बर्दाश्त नहीं होगी, और इसका जवाब 'जैसे को तैसा' दिया जाएगा. नगरपालिका चुनाव के बाद अब जिला परिषद चुनावों का माहौल बनने लगा है. ऐसे में महायुति के दो मंत्रियों के बीच यह खुली तकरार जिले के राजनीतिक तापमान को और बढ़ा रही है.














