Parth Pawar Land Deal Case: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी पर लगे जमीन खरीद घोटाले के आरोप से NCP में खलबली मच गई है. यह खलबली केवल अजित पवार गुट में ही नहीं है. बल्कि शरद पवार गुट में भी मची है. खास बात यह है कि पवार परिवार के कुछ लोग इस मामले सख्ती दिखा रहे हैं तो कुछ पार्थ के बचाव में भी है. दरअसल अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी पर पुणे के पॉश इलाके में 1800 करोड़ की जमीन 300 करोड़ में खरीदने का आरोप लगा है. विवाद बढ़ने पर अजित पवार ने कहा कि यह डील रद्द कर दी गई है. जांच कमेटी बना दी गई है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.
शरद पवार बोले- जांच जरूरी, तथ्य समाज के सामने आना चाहिए
शनिवार को शरद पवार ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का हवाला देते हुए, शरद पवार ने अपने पोते पार्थ पवार की कंपनी से कथित रूप से जुड़े विवादास्पद भूमि सौदे की जाँच का समर्थन किया. शरद पवार ने कहा, "मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि मामला गंभीर है. इसलिए उन्हें जाँच करवानी चाहिए और तथ्यों को समाज के सामने रखना चाहिए."
सुप्रिया सुले ने किया बचाव, कहा- पार्थ गलत नहीं कर सकता
हालांकि शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले पार्थ का बचाव करती नजर आईं. सुप्रिया सुले ने कहा कि मुझे पार्थ पर भरोसा है और वह कुछ भी गलत नहीं करेगा. सुप्रिया सुले ने बताया कि मैंने सुबह पार्थ को फोन किया और उनसे पूरा मामला समझाने को कहा. इस पर पार्थ पवार ने मुझे बताया कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है और मैंने अपने वकीलों से बात कर ली है. इसलिए अगर पार्थ पवार ने अपने वकीलों से बात की है, तो वकील ही इस बारे में बताएंगे.
बहुत सारा भ्रम, राज्य सरकार पूरे मामले को स्पष्ट करेंः सुप्रिया सुले
इस मामले पर सवाल उपस्थित करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि पुणे में ज़मीन का मामला आख़िर है क्या? राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी यह स्पष्ट करना चाहिए. चूंकि इस मामले में बहुत सारा भ्रम फैला हुआ है, इसलिए इस मामले में कई सवाल उपस्थित होते हैं. मेरा सवाल यह है कि यह जमीन सरकारी थी, तो क्या इसे बेचा जा सकता है? अगर बेचा जा सकता है, तो क्या लेन-देन नियमों के मुताबिक़ हुआ था?
शरद बोले- हम परिवार के रूप में एक, विचार अलग-अलग
शरद पवार ने ज़ोर देकर कहा कि प्रशासन, राजनीति और परिवार अलग-अलग हैं. एक परिवार के रूप में, हम (पवार) एक हैं, लेकिन हम वैचारिक रूप से विभाजित हैं. मेरे एक पोते ने अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था, और अजित पवार की पत्नी ने मेरी बेटी के खिलाफ चुनाव लड़ा था.
रोहित पवार ने साधी चुप्पी
रोहित पवार ने भी पूरे मामले पर मौन साधा हुआ है. विपक्ष के साथ सरकार को हर वक्त गर्ने वाले रोहित पवार ने इस कथित जमीन घोटाले पर पार्थ पवार का नाम आने से चुप्पी साध ली है. शरद पवार से जब पूछा गया कि पार्थ पवार का नाम FIR में क्यों नहीं डाला गया नहीं है? तब शरद पवार ने कहा कि इसका जवाब तो गृहमंत्री ही दे सकते हैं.
FIR में नाम क्यों नहीं... CM फडणवीस ने दिया जवाब
जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जो राज्य के गृहमंत्री भी है, उनसे यह सवाल पूछा गया तब उन्होंने कहा कि मैंने इसका कारण स्पष्ट रूप से बताया है. यह एक FIR है. FIR का मतलब फर्स्ट इनफॉरमेशन रिपोर्ट है. केवल जिनके हस्ताक्षर इसमें हैं. उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है. इसलिए, कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिन्होंने यह सारा लेन-देन किया.
जांच में कुछ आएगा तो कार्रवाई होगीः फडणवीस
इसके साथ ही, सरकार में उन लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है जिन्होंने इस संबंध में मदद की. हम किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. किसी को बचाने का कोई कारण नहीं है. जो हुआ वह नियमों के तहत हुआ है. मैंने पहले भी कहा है कि अगर इस अपराध की जांच के दौरान किसी की संलिप्तता पाई जाती है, तो हमें कार्रवाई करनी होगी. यह कार्रवाई नियमों के तहत की गई है.
एक लाइन में नजर नहीं आ रही पार्टी
इस केस में NCP शरद पवार खेमे में साफ़ तौर पर खलबली देखने को मिल रही है जहां एक तरफ शरद पवार ने पार्थ पवार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और पार्टी की लाइन सेट कर दी है, वहीं दूसरी ओर सुप्रिया सुले पार्थ पवार के बचाव में पार्टी की लाइन के खिलाफ जाती नजर आ रही है.
पार्थ पवार पर लगे जमीन घोटाले की क्या है कहानी
मालूम हो कि यह विवाद पुणे के मुंधवा इलाके में 40 एकड़ सरकारी ज़मीन की कथित अवैध बिक्री से जुड़ा है, जिसकी कीमत लगभग 1,800 करोड़ रुपये बताई जा रही है. विपक्षी नेताओं का दावा है कि इसे उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी ने स्टांप शुल्क माफ़ी के साथ केवल 300 करोड़ रुपये में खरीदा था.
अजित पवार ने इस लेन-देन से खुद को अलग कर लिया है. जब शरद पवार से पूछा गया कि क्या उनके भतीजे अजित पवार को महायुति के सहयोगियों द्वारा राजनीतिक रूप से निशाना बनाया जा रहा है, तो उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता".
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