पाकिस्‍तान के व्हाट्सएप ग्रुप भारत विरोधी बातें, 10 साल से एक्टिव उर्दू टीचर, पुलिस ने हिरासत में लिया

पाकिस्तानी व्हाट्सएप ग्रुप के एक्टिव मेंबर उर्दू टीचर और उनके एक बिजनेसमैन दोस्त से करीब आठ घंटे तक पूछताछ की गई. बाद में उनके मोबाइल फोन का डेटा जब्त कर उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन, पुलिस ने बताया कि वे अभी भी निगरानी में हैं.

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पाकिस्‍तान के व्हाट्सएप ग्रुप पर भारतीय सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां
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  • महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने नागपुर से यूट्यूबर उर्दू शिक्षक और बिजनेसमैन को हिरासत में लिया.
  • दोनों संदिग्ध पाकिस्तान के एक जिहादी सोशल मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप के सक्रिय सदस्य पाए गए, जिनसे पूछताछ की गई.
  • उर्दू शिक्षक ने पिछले 10 वर्षों से पाकिस्तान स्थित व्हाट्सएप ग्रुप में सक्रिय रहकर सामग्री साझा की थी.
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मुंबई:

महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने शनिवार तड़के नागपुर जिले के कामठी शहर के पुरानी मस्जिद के पास इलाके से एक यूट्यूबर उर्दू टीचर और एक अन्य बिजनेसमैन सहित दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया. पाकिस्तान के एक जिहादी सोशल मीडिया ग्रुप से उनके चैट सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है. भारत-पाक तनाव के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी बढ़ती चिंताओं के बीच यह कार्रवाई हुई है.

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी व्हाट्सएप ग्रुप के एक्टिव मेंबर उर्दू टीचर और उनके एक बिजनेसमैन दोस्त से करीब आठ घंटे तक पूछताछ की गई. बाद में उनके मोबाइल फोन का डेटा जब्त कर उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन, पुलिस ने बताया कि वे अभी भी निगरानी में हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.

मुख्य संदिग्ध, पुरानी कामठी के पुराने मस्जिद के पास रहने वाला 42 वर्षीय निवासी, एक प्रसिद्ध उर्दू स्कूल में शिक्षक है और एक यूट्यूब चैनल भी चलाता है. वह पिछले दस वर्षों से एक पाकिस्तानी व्हाट्सएप ग्रुप पर सक्रिय है. उनका 40 वर्षीय दोस्त दूसरा संदिग्ध है, जिनसे इस शिक्षक के साथ घनिष्ठ संबंध होने और इस पाकिस्तानी व्हाट्सएप ग्रुप पर सक्रिय होने के कारण पूछताछ की गई. पूछताछ में यह भी पता चला है कि दोनों ने सोशल मीडिया ऐप के जरिए पाकिस्तानी नागरिकों से बात की थी. 

खुफिया विभाग की जानकारी के अनुसार, दोनों एक निजी व्हाट्सएप ग्रुप में सक्रिय थे, जिसका एडमिन पाकिस्तान में बैठा एक व्यक्ति था और इसमें 500 से अधिक सदस्य थे. सूत्रों के मुताबिक, इस ग्रुप पर पाकिस्तानी सैन्य कार्रवाई का महिमामंडन करने वाले वीडियो, धार्मिक सामग्री, भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां और भारत के 'बहुसंख्यक समुदाय के खिलाफ एकजुट होने' का आह्वान करने वाली पोस्ट साझा की जा रही थीं.

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