धारावी (Dharavi) में काम करने वाले कई गैर-सरकारी संगठनों (Non-Governmental Organizations) ने एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में अनौपचारिक किरायेदारों का पता लगाने के लिए चल रहे राज्य सरकार के सर्वेक्षण को अपना समर्थन देने की बात कही है. इन संगठनों ने आरोप लगाया है कि कुछ गैर-स्थानीय लोग गलत सूचना फैलाकर पुनर्विकास को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को लिखे पत्रों में भी यह बात कही है.
गैर सरकारी संगठनों ने अदाणी समूह द्वारा लागू की जा रही तीन अरब अमेरिकी डॉलर की पुनर्विकास परियोजना की देखरेख करने वाली महाराष्ट्र सरकार की संस्था धारावी पुनर्विकास परियोजना/स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (डीआरपी/एसआरए) को पत्र लिखकर सर्वेक्षण को अपना समर्थन दिया है.
डीआरपी के सीईओ से मिलकर सर्वेक्षण का समर्थन
स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण सहित अन्य विविध कल्याणकारी गतिविधियों में शामिल कुल आठ गैर सरकारी संगठनों और नागरिक कल्याण संघों ने धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) के सीईओ से मुलाकात की और क्षेत्र में जारी राज्य सरकार के नेतृत्व वाले सर्वेक्षण को समर्थन दिया.
ग्लोबल गिविंग फाउंडेशन और अखिल भारतीय पुलिस जन सेवा संगठन के नूर मोहम्मद खान ने प्राधिकरण से 13 सवाल पूछे हैं. इन सवालों में अदाणी समूह की इकाई द्वारा धारावी के पुनर्वास के लिए बनाए जाने वाले फ्लैटों के लिए मुफ्त रखरखाव की अवधि, जनवरी 2000 के बाद झुग्गी बस्तियों में रहने आए लोगों के लिए इंतजाम शामिल हैं.
खान ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्होंने पत्र लिखा है और सवाल पूछे हैं, जिनके जवाब देने का प्राधिकरण ने वादा किया है.
पीढ़ियां पुनर्विकास की प्रतीक्षा में गुजर गईं : पनीरसेल्वम
सर्वेक्षण को समर्थन देते हुए एनलाइटन फाउंडेशन ने 20 अगस्त को डीआरपी के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास को पत्र लिखा और कहा कि निवासी तथा वाणिज्यिक परिसर के मालिक परियोजना या सर्वेक्षण के खिलाफ नहीं हैं.
एनलाइटन फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष राजेशकुमार पनीरसेल्वम ने कहा, "सर्वेक्षण का विरोध केवल मुट्ठी भर लोग कर रहे हैं, जो पुनर्विकास के खिलाफ हैं और जिनके निहित स्वार्थ हैं. विरोध करने वाले अधिकांश लोग स्थानीय नहीं हैं और धारावी से बाहर रह रहे हैं तथा उन्हें धारावी के हालात के बारे में पता नहीं है."
पनीरसेल्वम ने पीटीआई-भाषा से पुष्टि की कि उन्होंने उक्त पत्र लिखा है. धारावी के निवासी संघ छत्रपति शिवाजी महाराज सीएचएस ने अपने पत्र में सर्वेक्षण और पुनर्विकास परियोजना को आगे बढ़ाने की मांग की है. पत्र में कहा गया है, "कई पीढ़ियां इस क्षेत्र के पुनर्विकास की प्रतीक्षा में गुजर गईं, लेकिन अब हम एक सकारात्मक कदम देख रहे हैं."