नागपुर हिंसा मामले में 14 और लोगों को दबोचा गया, 105 तक पहुंचीं कुल गिरफ्तारियां; 3 नई FIR भी दर्ज

नागपुर के कई हिस्सों में 17 मार्च को पथराव और आगजनी हुई. यह हिंसा छत्रपति संभाजी नगर स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान अफवाह फैलने से हुई.

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नागपुर हिंसा मामले में 14 और लोगों को दबोचा गया, 105 तक पहुंचीं कुल गिरफ्तारियां; 3 नई FIR भी दर्ज
नागपुर में पटरियों पर लौट रही जिंदगी
नागपुर:

नागपुर में हुई हिंसा मामले में पुलिस का एक्शन जारी है. इसी सिलसिले में कम से कम 14 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे गिरफ्तारियों की कुल संख्या 105 हो गई है. पुलिस के अनुसार, शुक्रवार को 10 किशोरों सहित 14 लोगों को पकड़ा गया. अधिकारी ने बताया कि घटना के सिलसिले में तीन और एफआईआर दर्ज की गई हैं. 17 मार्च को नागपुर के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी हुई. जिससे नागपुर में तनाव पसरा गया. नौबत ये आन पड़ी कि कर्फ्यू तक लगाना पड़ा.

नागपुर के पुलिस आयुक्त ने क्या बताया

नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल ने कहा, "दंगों के सिलसिले में शहर के विभिन्न हिस्सों से चौदह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. दंगों से संबंधित तीन और एफआईआर दर्ज की गई हैं." उन्होंने कहा कि शहर के कुछ हिस्सों से कर्फ्यू हटाने का फैसला उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया जाएगा. इस बीच, सिंघल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए सिविल लाइंस स्थित पुलिस भवन में बैठक की. नागपुर हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त स्तर के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए.

नागपुर में कैसे भड़की हिंसा

यह सब तब शुरू हुआ जब एक दक्षिणपंथी संगठन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैल गई, जिसने आग में घी डालने का काम किया. देखते ही देखते मध्य नागपुर के इलाकों में भीड़ सड़कों पर उतर आई. कुछ लोगों ने पेट्रोल की बोतलें, लाठियां और पत्थरों के साथ हमला शुरू कर दिया. हिंसा के बारे में बताते हुए एक स्थानीय निवासी ने कहा, “उपद्रवियों ने दरवाजे पर लातें मारीं, गाड़ियां तोड़ीं और खिड़कियों पर पत्थर फेंके. हम डर के मारे घर में छिपे रहे.

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कर्फ्यू और सुरक्षा के कड़े इंतिजाम

हिंसा के बाद नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पुलिस ने फिक्स पॉइंट्स तैनात किए हैं और कुछ इलाकों को नो-ट्रैफिक जोन घोषित किया है. सोशल मीडिया पर भी बेहद ही करीबी नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह की कोई भी अफवाहें न फैलें. पुलिस आयुक्त ने कहा, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाए या दूसरों को परेशान न करे.”

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उपद्रव की दिल दहलाने वाली तस्वीरें

हिंसा की नागपुर से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए वो बेहद डरावने हैं. उपद्रवियों ने दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया, रास्ते में खड़ी गाड़ियों को तोड़ा और लाठी-डंडों से जमकर उत्पात मचाया. पत्थरबाजी से इलाके में हाहाकार मच गया. पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान पुलिसकर्मियों पर भी हमले हुए. ये तस्वीरें हर किसी के दिल को झकझोर देने वाली हैं.

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