मुंबई के जोगेश्वरी रेलवे स्टेशन पर इस साल जनवरी में हुई 17 साल के लड़के की मौत को शुरुआत में पुलिस ने हादसा मानकर ADR दर्ज किया था, लेकिन करीब 11 महीने बाद अब पूरा मामला ऑनलाइन ठगी से जुड़ा सुसाइड निकला है. जांच में सामने आया है कि साइबर फ्रॉड के जाल में फंसकर लड़के ने करीब ₹49,000 गंवा दिए थे और मानसिक दबाव में आकर ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी. इस मामले में अंधेरी रेलवे पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने समेत कई धाराओं में FIR दर्ज कर ली है
कैसे शुरू हुआ पूरा मामला?
लड़का जोगेश्वरी के मेघवाड़ी इलाके में अपने माता-पिता के साथ रहता था. पिता निलेश ड्राइवर हैं, जबकि लड़का 12वीं कॉमर्स का छात्र था और सरवोदय नगर स्थित दीपक क्लासेस में ट्यूशन भी जाता था. 10वीं पास करने के बाद उसके पिता ने उसे मोबाइल दिया था, जिसके जरिए उसने कई सोशल मीडिया अकाउंट बनाए. इसी फोन पर उसे ऑनलाइन “टास्क” का लालच दिया गया.
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छोटे-छोटे रिव्यू और रेटिंग का काम कर कमाई का झांसा
शुरू में ठगों ने कुछ पैसों का भुगतान करके भरोसा जीता, फिर हर टास्क के बदले पैसे भेजने को कहा और आखिर में पूरा ₹49,000 हड़प लिया. जब पैसा वापस नहीं मिला और दबाव बढ़ता गया तो लड़का मानसिक रूप से टूट गया.
कब हुआ हादसा
21 जनवरी 2025 को लड़का घर से निकला और कहा कि वह क्लासेस के लिए जा रहा है. देर रात तक घर नहीं लौटा तो परिवार परेशान हो गया. इस बीच खबर आई कि जोगेश्वरी रेलवे स्टेशन पर एक युवक को ट्रेन ने टक्कर मारी है. परिवार जब कूपर अस्पताल पहुंचा, तो मृतक की पहचान हुई. लड़के का टूटा हुआ मोबाइल बाद में मरम्मत कर पुलिस को मिला, जिसके बाद उसके WhatsApp और Telegram चैट खुल सके, यही से असली कहानी सामने आई.
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किन पर लगा आरोप?
जांच में पुलिस को Telegram चैट में कई नाम मिले, जिनमें आठ संदिग्ध के नाम आए. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने मिलकर लड़के को झांसा दिया, पैसे ऐंठे और मानसिक तनाव की वजह से उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया.
अब आगे क्या?
लड़के के पिता की शिकायत के आधार पर अंधेरी रेलवे पुलिस ने अब मामला दर्ज कर लिया है. धोखाधड़ी और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराएं लगाई गई हैं. क्राइम ब्रांच भी इस केस में शामिल होकर आरोपियों की तलाश कर रही है.
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