- मुंबई एयरपोर्ट पर राजस्व आसूचना निदेशालय ने 12.58 करोड़ रुपये मूल्य का 10.5 किलोग्राम सोना जब्त किया
- इस मामले में 13 गिरफ्तारियों में एयरपोर्ट स्टाफ, दो बांग्लादेशी और छह श्रीलंकाई नागरिक शामिल हैं
- सोना ट्रांजिट यात्रियों द्वारा मोम से बने कैप्सूल में छिपाकर लाया जाता और एयरपोर्ट कर्मचारियों को सौंपा जाता
मुंबई एयरपोर्ट पर राजस्व आसूचना निदेशालय (DRI) ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने 12.58 करोड़ रुपये का सोना जब्त किया है और 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एयरपोर्ट स्टाफ भी शामिल है. सोना छिपाकर लाया जा रहा था. गिरफ्तार लोगों में बांग्लादेश और श्रीलंका के नागरिक भी हैं. डीआरआई ने इस मामले में 'ऑपरेशन गोल्डन स्वीप' चलाया था.
राजस्व आसूचना निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में हवाई अड्डा कर्मचारियों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार लोगों में दो बांग्लादेशी और छह श्रीलंकाई नागरिक भी शामिल हैं. कुल 10.5 किलोग्राम सोना जब्त किया गया, जिसकी कीमत लगभग 12.58 करोड़ रुपये है. अधिकारियों ने बताया कि मुंबई पहुंचने पर, संबंधित ट्रांजिट यात्री तस्करी का सोना अंतरराष्ट्रीय प्रस्थान क्षेत्र में मौजूद हवाई अड्डे के कर्मचारियों को सौंप देते थे. इसके बाद कर्मचारी सोने को हवाई अड्डा परिसर से बाहर ले जाकर बाहरी लोगों को सौंप देते थे.
सबकुछ फिल्मी कहानी जैसा
मुंबई एयरपोर्ट पर ये पूरा खेल पता नहीं पिछले कितने समय से खेला जा रहा था, लेकिन ये बेहद हैरान करने वाला है. ये पूरा मामला किसी फिल्म की कहानी जैसा लगता है, जिसमें सबकुछ तय होता है. सोना एयरपोर्ट पर उतरने पर वहां का ही स्टाफ इसे ठिकाने लगाएगा और फिर बड़ी चलाकी से इसे एयपोर्ट से बाहर निकाल कर तस्करों को सौंप दिया जाएगा. इस मामले में गिरफ्तार 13 लोगों में 2 बांग्लादेशी, छह श्रीलंकाई नागरिक, दो एयरपोर्ट स्टाफ (मीट-एंड-ग्रीट सर्विस से जुड़े), दो हैंडलर और एक मास्टरमाइंड शामिल हैं.
कुछ ऐसे होती थी तस्करी
जांच में खुलासा हुआ है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का संगठित गिरोह था, जो बेहद चालाकी से सोने की तस्करी कर रहा था. तस्कर दुबई से सिंगापुर, बैंकॉक और ढाका जाने वाले ट्रांजिट यात्रियों को कैरियर की तरह इस्तेमाल करते थे. ये यात्री सोने को मोम से बने अंडाकार कैप्सूल के अंदर छिपाकर अपने शरीर में रखकर लाते थे. मुंबई पहुंचने के बाद, ये ट्रांजिट पैसेंजर एयरपोर्ट के अंतरराष्ट्रीय डिपार्चर एरिया में मौजूद अपने साथियों एयरपोर्ट स्टाफ को सोना सौंप देते थे. एयरपोर्ट स्टाफ इस सोने को गुपचुप तरीके से बाहर निकालकर हैंडलर्स और रिसीवर्स तक पहुंचाते थे, जो आगे मास्टरमाइंड के संपर्क में रहते थे.
दुबई से चल रहा था गिरोह का नेटवर्क
यह नेटवर्क मुंबई और दुबई में बैठे सरगनाओं द्वारा चलाया जा किया जा रहा था. इसमें कई लेयर में लोग शामिल थे. ट्रांजिट कैरियर, एयरपोर्ट कर्मचारी, हैंडलर और रिसीवर, जिससे पुलिस को पकड़ना मुश्किल हो सके. यह ऑपरेशन DRI की तेज़ खुफिया क्षमता और चुस्त कार्रवाई का नतीजा है. इससे यह भी सामने आया कि तस्करी गिरोह अब एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील इलाकों के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों को भी अपने नेटवर्क में शामिल कर रहे हैं, जिससे अंदरूनी खतरा बढ़ता जा रहा है. DRI अब इस गिरोह के अन्य अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों और मनी ट्रेल की जांच कर रही है. एजेंसी ने कहा है कि वह देश की आर्थिक सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ऐसी तस्करी करने वाले नेटवर्क पर लगातार सख्त कार्रवाई जारी रखेगी.