- महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के मींथुर गांव के किसान रोशन कुडे ने साहूकार के चंगुल में फंसकर अपनी किडनी बेची थी
- सोलापुर के रामकृष्ण सुंचु उर्फ डॉ. कृष्णा को किडनी रैकेट में दलाल बनने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था
- पुलिस ने पंजाब के मोहाली से हिमांशु को गिरफ्तार किया, जो खुद पहले किडनी बेच चुका था और रैकेट में शामिल था
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के नागभीड तालुका के मींथुर गांव के किसान रोशन कुडे द्वारा साहूकार के चंगुल में फंसकर अपनी किडनी बेचने का गंभीर मामला सामने आने के बाद यह मामला देश भर में चर्चा का विषय बन गया था. इसी मामले में पुलिस ने सोलापुर के रामकृष्ण सुंचु उर्फ डॉ. कृष्णा को गिरफ्तार किया था. खुलासा हुआ था कि उसने भी पहले अपनी किडनी बेची थी और बाद में वह इस किडनी रैकेट में दलाल के रूप में काम करने लगा था.
कृष्णा जिस व्यक्ति के कारण इस रैकेट में शामिल हुआ, चंद्रपुर पुलिस अब उस तक पहुंच गई है. पुलिस ने पंजाब के मोहाली से हिमांशु भारद्वाज को गिरफ्तार किया है. पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे हिमांशु भारद्वाज ने प्रेमिका के कारण अपनी किडनी बेच दी और बाद में वह खुद इस रैकेट का हिस्सा बन गया. हिमांशु भारद्वाज की पुलिस हिरासत 29 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है. इस मामले का तीसरा आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
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चंद्रपुर के किसान रोशन कुडे ने कर्ज से तंग आकर किडनी बेचने का रास्ता चुना. वह फेसबुक के जरिए कृष्णा के संपर्क में आया. कृष्णा ने उसे 8 लाख रुपये देने का लालच दिया. दोनों की पहली मुलाकात कोलकाता में हुई, जहां मेडिकल टेस्ट कराया गया. इसके बाद रोशन को कंबोडिया भेजा गया, जहां उसकी किडनी निकाल ली गई. रोशन के मुताबिक, उसने 2021 में दो साहूकारों से ₹50,000 उधार लिए थे, जिनकी वसूली ब्याज सहित बढ़कर ₹74 लाख बताई गई.














