मिलिए ऐसे आरटीओ अधिकारी से जो करा चुके हैं 2000 एचआईवी मरीजों की शादी

Marriage of 2000 HIV patients : समाज को आज अनिल वालिव जैसे लोगों की जरूरत है. जरूरी नहीं कि सब एक ही तरह के काम करें. जानिए, कैसे एक इंसान ने 2000 परिवार बसा दिए...

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एचआईवी मरीजों के लिए अनिल वालिव किसी मसीहा से कम नहीं हैं.

Marriage of 2000 HIV patients : कोई भी देश तभी तक आजाद और मजबूत रहता है, जब तक उसके लोग जागरूक होते हैं. एक-दूसरे की मदद करते हैं और कमजोर समाज को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं. मुंबई में 50 वर्षीय आरटीओ अधिकारी अनिल वालिव एक ऐसे ही इंसान हैं. अनिल वालिव ने 2000 से ज़्यादा HIV पॉजिटिव मरीज़ों की शादियां कराईं हैं. ड्यूटी के बाद देर रात तक ये जोड़ियां मिलाते हैं. इसीलिए, सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना झेल रहे एचआईवी पॉजिटिव मरीज़ अनिल वालिव को अपना मसीहा मानते हैं. 

एचआईवी मरीज क्या सोचते हैं?

मुंबई के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस में कार्यरत अधिकारी अनिल वालिव ने एचआईवी पॉज़िटिव जोड़ों को मिलाने के लिए देश का पहला मैट्रीमोनियल साइट पॉजिटिव-साथी-डॉट-कॉम शुरू किया. इनसे जुड़े एक एचआईवी मरीज़ बताते हैं कि इस बीमारी ने उनका सब कुछ छीन लिया था. परिवार, दोस्त, सुख-चैन कुछ भी नहीं था. वे ज़िंदगी ख़त्म करना चाहते थे, लेकिन तब ही अनिल वालिव की पहल से जीवनसाथी भी मिला और नया जीवन भी.

दूसरे ने क्या कहा

एक अन्य एचआईवी पॉजिटिव ने बताया, "मैं अपनी ज़िंदगी ख़त्म करना चाहता था, हिम्मत हार गया था कि सामान्य जीवन अब नहीं जी पाउंगा. तब ही भगवान का फ़रिश्ता बनकर अनिल वालिव आए और उनकी वेबसाइट के बारे में पता चला, मुझे नहीं लगा था उनके ज़रिये ऐसा जीवन साथी मुझे नसीब होगा. मेरी पत्नी भी एचआईवी पॉजिटिव हैं, साइट के ज़रिये रजिस्टर्ड थीं. हमने धूमधाम से शादी की. आज हमारे दो बड़े सुंदर और स्वस्थ्य बच्चे हैं. हमारे दोनों बच्चे एचआईवी नेगेटिव हैं. भगवान ने हमारा जीवन 360 डिग्री बदल दिया.

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अनिल खुद हैं बीमार

अनिल वालिव को छह साल पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था. शरीर का बायां हिस्सा काम नहीं करता. फिर भी पूरे परिवार के साथ  पॉजिटिव-साथी-डॉट-कॉम और निःशुल्क हेल्पलाइन सेवा चलाते हैं. ड्यूटी से लौटकर देर रात तक जोड़ियां मिलाते हैं. पॉजिटिव साथी डॉट कॉम पर अब तक देश-विदेश से छह हजार एचआईवी पॉजिटिव मरीज खुद को रजिस्टर कर चुके हैं और 2000 शादियां करवाई जा चुकी हैं.

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दोस्त हुआ था पॉजिटिव

वेबसाइट शुरू करने के पीछे की वजह पर अनिल वालिव ने बताया कि जब मेरा दोस्त एचआईवी पॉजिटिव हुआ तो उसे उसके घर वाले दोस्त समाज सबने प्रताड़ित किया. जब मौत हुई तो पिता अग्नि देने नहीं आए और कहा था कि वह एचआईवी पॉजिटिव जब हुआ था, तब ही परिवार के लिए मर गया था. शादी तो बहुत दूर की बात है, उससे कोई बात भी नहीं कर पाता था. दोस्त के साथ जो हुआ, उससे मैं हिल गया. आरटीओ में पोस्टिंग के बाद ट्रक ड्राइवर्स के बारे में पता चला कि ये एचआईवी पॉजिटिव हो रहे हैं. उनकी काउंसलिंग करने लगा, अब AIDS एसोसिएशन संस्थाओं के साथ मिलकर काम करता हूं. देश-विदेश हर जगह से लोग मेरी वेबसाइट पर ख़ुद को रजिस्टर करते हैं. शादी के बाद स्वस्थ्य और सुखी जीवन जी रहे हैं.

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कई तो देते हैं धमकी

अनिल ने बताया कि कई ऐसे मरीज़ भी मिले, जो धमकी देते थे कि एचआईवी पॉजिटिव लड़की जल्दी ढूंढो शादी के लिए नहीं तो किसी भी लड़की से शादी कर लूंगा. ये धमकी की तरह बातें कहीं जाती थीं. क्योंकि वे इतने प्रताड़ित होते हैं कि उनके अंदर अच्छी और सम्मान की भावना ख़त्म हो जाती है मुझे एहसास हुआ की ये बहुत ही संवेदनशील मामला है और तब जाकर इस मैट्रीमोनियल साइट की सख़्त ज़रूरत महसूस हुई. एक अन्य एचआईवी पॉजिटिव जोड़े ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव लोग सौ साल भी जी सकते हैं अगर समय पर और हर रोज़ अपनी दवा लेते रहें. आप बीपी सुगर की दवाई खाते रहें. इस बीमारी को इस तरह से प्रदर्शित किया गया है, जैसे ये समाज के लिए कलंक हो. मानसिक रूप से समाज के ताने तोड़ देते हैं. जीने की उम्मीद हम हार चुके थे. अब लोगों को जागरूक होना चाहिए. इसकी दवा बहुत स्ट्रांग है. रेगुलर्ली लें तो वायरल लोड जीरो होता है, इसलिए आपके बच्चे भी स्वस्थ्य पैदा होंगे. समाज को अपनी सोच अब बदलनी चाहिए.

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