क्या हुआ, कैसे हुआ : कारें, बाइकें सब धुआं धुआं, सड़कों पर ईंट-पत्थर... नागपुर को सुलगाने वाले ये दंगाई कौन हैं?

Nagpur Violence: नागपुर में सोमवार को देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई. उसने पुलिस पर भी पथराव शुरू कर दिया. जिसके बाद स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को भी आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.

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नागपुर में सोमवार रात भड़की हिंसा.

नागपुर:

नागपुर में मंगलवार की सुबह हर दिन जैसी सुहावनी नहीं रही. सबकुछ जैसे उजड़ा-उजड़ा सा है. सोमवार रात हुई हिंसा (Nagpur Violence) के निशान हर तरफ दिखाई दे रहे हैं. दर्जनों गाड़ियां जली हुई हैं. ईंट-पत्थर बिखरे पड़े हैं. घर और दुकानें जलकर राख हो चुकी हैं. नागपुर के हंसापुरी में सोमवार रात क्या हुआ, सुबह वहां की सड़कें इसकी गवाही दे रही हैं. सड़कों पर खड़ी गाड़ियां अभी तक सुलग रही हैं. हवा में जहरीला धुआं घुला हुआ है. सड़कों पर बिखरे पत्थर बता रहे हैं कि रातभर दंगाइयों ने कैसा उपद्रव मचाया होगा. हालांकि अब वहां शांति है. सवाल बस यही कि नागपुर को दहलाने वाले आखिर हैं कौन? 

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एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया कि उपद्रवियों ने तलवारों से घरों के दरवाजों को तोड़ दिया. 8-10 वाहनों को जमाकर आग के हवाले कर दिया.

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औरंगजेब की कब्र को लेकर महाल इलाके से शुरू हुआ बवाल दिन ढलते-ढलते एक हिंसक घटना में बदल जाएगा, ये किसी ने सोचा नहीं था. जैसे ही रात हुई नागपुर के हंसापुरी इलाके का नजारा पूरी तरह से बदल चुका था. उपद्रवियों ने ऐसा तांडव मचाया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. घरों और दुकानों को आग लगा दी. उपद्रवियों ने 40 गाड़ियों को फूंक दिया. सार्वजनिक संपत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया. पुलिस पर पत्थर बरसाए. इस घटना में 12 पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हो गए हैं. हालांकि पुलिस ने समय रहते हालात पर काबू पा लिया. 

नागपुर में कैसे शुरू हुई हिंसा?

पुलिस के मुताबिक, सोमवार देर शाम ये उपद्रव तब शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्य महाल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान अफवाह फैली कि प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक ग्रंथ जला दिया है. बजरंग दल के विरोध- प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से सर्कुलेट हुए. जिसके बाद मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया. शाम के समय गणेशपेठ थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई कि एक धार्मिक ग्रंथ को जलाया गया है. पुलिस ने बताया कि इस शिकायत के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में महाल इलाके के अलग-अलग हिस्सों में जुटने लगे. पुलिस ने स्थिति को भांपते हुए गश्त तेज की और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुला लिया.

देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई. उसने पुलिस पर भी पथराव शुरू कर दिया. जिसके बाद स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को भी आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. पुलिस के मुताबिक, दूसरे इलाकों से भी हिंसा की खबरें सामने आईं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोमवार दोपहर नागपुर में कुछ संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. वे जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी दो समूहों के बीच मामूली विवाद हो गया. इसे कुछ ही देर में सुलझा लिया गया था.

(नागपुर हिंसा के दौरान पलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े)

बाद में शाम 7 से 7.30 बजे के बीच एक बड़ा समूह शिवाजी चौक पहुंचा और नारेबाजी करने लगा. ये लोग दोपहर में हुए विरोध-प्रदर्शन से नाराज थे. जैसे ही नारेबाजी शुरू हुई, इलाके में मौजूद दूसरे गुट ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची.

(नागपुर में हुई हिंसा के बाद पुलिस फोर्स मौजूद)

बजरंग दल क्या कह रहा?

मुस्लिम समुदाय की तरफ से लगाए गए आरोपों का बजरंग दल ने पूरी तरह से खंडन किया. उन्होंने धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने की बात से साफ इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने विरोध-प्रदर्शन के दौरान सिर्फ औरंगजेब का पुतला जलाया था. वहीं मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समेत कुछ हिंदूवादी संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान धार्मिक ग्रंथ को जला दिया. हालांकि पुलिस का कहना है कि ये महज अफवाह थी. 

औरंगजेब की कब्र से शुरू हुआ विवाद 

  • महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सोमवार को दिन में विरोध- प्रदर्शन शुरू किया था. 
  • दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ता महाल क्षेत्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास इकट्ठा हुए, नारे लगाए और औरंगजेब का पुतला जलाया. 
  • इस दौरान विहिप के क्षेत्रीय सचिव गोविंद शेंडे ने कहा कि संगठन ने औरंगजेब और छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में उसके मकबरे के खिलाफ अपना आंदोलन शुरू कर दिया है. अगर जरूरत पड़ी तो हम छत्रपति संभाजीनगर तक मार्च करेंगे और कारसेवा करेंगे. 
  • गोविंद शेंडे ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता कब्र को हटाकर समुद्र में फेंक देंगे. हालांकि, उससे पहले हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह जिले से उस कब्र को हटाने की दिशा में काम करे. 

3 पुलिसकर्मियों समेत 9 लोग घायल

सोमवार रात भड़की हिंसा में तीन पुलिसकर्मियों समेत 9 लोग घायल हुए हैं. घेराबंदी अभियान के दौरान पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी भी पथराव का शिकार हुए. वहीं पुलिस ने महाल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान के दौरान 50 लोगों को गिरफ्तार किया है. 

(नागपुर हिंसा के दौरान पुलिसकर्मी घायल)

सीएम देवेंद्र फडणवीस की अपील

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने और पुलिस के साथ सहयोग करने को कहा था. सोमवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि पुलिस महल इलाके में पथराव और तनावपूर्ण स्थिति को संभाल रही है. वह पुलिस के लगातार संपर्क में बने हुए हैं.

वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी लोगों से प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की. नागपुर से सांसद नितिन गडकरी ने एक वीडियो मैसेज में कहा था, "नागपुर का हमेशा से शांति का इतिहास रहा है. मैं अपने सभी भाइयों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. अफवाहों पर विश्वास न करें और सड़कों पर न उतरें."

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता को दिखाती है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मंत्री जानबूझकर भड़काऊ भाषण दे रहे थे. ऐसा लगता है कि नागपुर में उनकी कोशिशें सफल हो गई हैं. यह हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है. लोग शांति बनाए रखे.