महाराष्ट्र में आज स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग जारी है. इस दौरान कई गड़बड़ियां सामने आई हैं. भगुर नगर परिषद चुनाव में भाजपा की शीतल शेटे का नाम उम्मीदवारों की सूची से गायब दिखा, जिससे अधिकारियों और मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. शिल्लोड के एक मतदान केंद्र पर ढीले तार कनेक्शन के कारण एक ईवीएम मशीन ठप हो गई. पीठासीन अधिकारी ने पुष्टि की कि ढीले तारों के कारण तकनीकी खराबी आई थी, जिसे अब ठीक कर दिया गया है. इस चुनाव में महायुति बनाम महाविकास अघाड़ी के बीच कड़ी टक्कर है. ये महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव का पहला चरण है. आज 264 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतदान होगा. यह मुकाबला विधानसभा चुनाव के एक वर्ष बाद फ्रेंडली फाइट, गठबंधन में तनाव और कानूनी उलझनों के बीच हो रहा है. लगभग एक करोड़ मतदाता ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों के इस मल्टी लेवल इलेक्शन के पहले फेज में मतदान करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया 31 जनवरी तक पूरी की जानी है. इन चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल किया जाएगा और मतगणना तीन दिसंबर को होगी. ये चुनाव स्थानीय निकायों (नगर परिषद और नगर पंचायत) के 6,705 सदस्यों और 264 अध्यक्षों के भाग्य का फैसला करेंगे. इस बीच 24 स्थानीय निकायों के लिए चुनाव नामांकन पत्रों की जांच के बाद निर्वाचन अधिकारियों के निर्णयों के खिलाफ दायर न्यायिक अपीलों के मद्देनजर 20 दिसंबर तक स्थगित कर दिए गए हैं.
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सुबह 11.30 बजे तक 17.11% वोटिंग
महाराष्ट्र के नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में सुबह 11.30 बजे तक 17.11 प्रतिशत मतदान हुआ है.
अब 21 दिसंबर को आएंगे चुनाव के परिणाम
नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है. कोर्ट के फैसले के मुताबिक, आज हो रहे नगर निकाय चुनाव मतदान के नतीजे कल यानी 3 दिसंबर को आने थे, लेकिन अब ये 21 दिसंबर को आएंगे. महाराष्ट्र में 24 नगर निकाय परिषद और नगर पंचायत चुनावों का कार्यक्रम अस्थाई रूप से टाल दिया गया था. लेकिन अब दूसरे फेज में 24 नगर निकाय परिषद और नगर पंचायत की सीटों पर मतदान 20 दिसंबर को होंगे. पहले और दूसरे फेज के परिणाम 21 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.
शिल्लोड के एक वोटिंग सेंटर में EVM ठप
महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव के दौरान शिल्लोड के एक मतदान केंद्र पर ढीले तार कनेक्शन के कारण एक ईवीएम मशीन ठप हो गई. पीठासीन अधिकारी ने पुष्टि की कि ढीले तारों के कारण तकनीकी खराबी आई थी, जिसे अब ठीक कर दिया गया है.
बीजेपी शीतल शेटे का नाम उम्मीदवार की लिस्ट से गायब
महराष्ट्र में नगर निकाय चुनावों के मतदान के दिन की शुरुआत चुनावी मशीनरी में कई गड़बड़ियों के साथ हुई. भगुर नगर परिषद चुनाव में भाजपा की शीतल शेटे का नाम उम्मीदवारों की सूची से गायब दिखा, जिससे अधिकारियों और मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. बीजेपी समर्थकों ने यहां काफी हंगामा किया.
मतदान से पहले हो रही मॉक पोलिंग
6,859 सदस्यों और 288 अध्यक्षों के भाग्य का फैसला आज
स्थानीय निकाय चुनाव के लिए मतगणना तीन दिसंबर को होगी. चुनाव में इन स्थानीय निकायों के 6,859 सदस्यों और 288 अध्यक्षों के भाग्य का फैसला होगा, जिसमें 1.07 करोड़ से अधिक पात्र मतदाता 13,355 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
बीजेपी की 100 सदस्यों और तीन अध्यक्ष पद पर निर्विरोध जीत
स्थानीय निकाय चुनाव के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार तथा उनकी पार्टियों के नेताओं ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए जोरदार प्रचार किया. भारतीय जनता पार्टी ने 100 सदस्यों और तीन अध्यक्ष पद पर निर्विरोध जीत हासिल की है. ये स्थानीय निकाय चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत कराए जा रहे हैं, ताकि लंबित चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक संपन्न कराए जा सकें. उनत्तीस नगर निगमों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के चुनाव कार्यक्रम अभी घोषित नहीं हुए हैं.
चुनाव से पहले राजनीतिक उठापटक
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों में पहले ही महत्वपूर्ण राजनीतिक उठापटक देखने को मिल चुकी है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का मुकाबला उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस के महा विकास आघाडी से है.
स्थानीय निकाय चुनाव महायुति के लिए बड़ी चुनौती
नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने 288 में से 235 सीट हासिल करते हुए भारी जीत हासिल की थी और दो दिसंबर के चुनावों को राज्य में राजनीतिक रुझान के एक प्रमुख संकेतक के रूप में देखा जा रहा है. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि स्थानीय निकाय के परिणाम यह बताएंगे कि क्या यह गति जमीनी स्तर पर शासन में परिवर्तित होगी या विपक्षी एकजुटता नगरपालिका स्तर पर सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रभुत्व को चुनौती दे सकेगी.














