महाराष्ट्र में बारिश का कहर : जलमग्न हैं गांव, छतों पर डेरा डालकर लोग बेसब्री से कर रहे मदद का इंतजार

बारिश और इससे जुड़े हादसों में करीब 138 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग अभी लापता हैं.

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महाराष्ट्र के कई जिलों में भयावह हालात हैं.
मुंबई:

महाराष्ट्र के कई जिलों में मूसलाधार बारिश के बाद हालात बहुत खराब हो गए हैं. कई जिलों में लोग अपने जलमग्न घरों की छतों पर फंसे हैं, उन्हें वहां से निकालना मुश्किल हो गया है. क्योंकि दो नेशनल हाइवे और उनसे जुड़ी कई मुख्य सड़क बंद हो गई हैं. जिसकी वजह से उनक तक राहत पहुंचना मुश्किल हो रही है. बारिश की वजह से करीब 138 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग अभी लापता हैं.सांगली जिले के सांगलीवाड़ी गांव के बाहर सड़क से भयावह दृश्य दिख रहे हैं, जिनके देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात कितने खराब हैं. 

वहीं, मदद के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे लोग अपने घरों की छत पर फंसे हुए हैं. स्थानीयों ने एनडीटीवी को बताया कि साल 2019 की बाढ़ जैसे गंभीर हालात नहीं हैं, लेकिन यह चिंताजनक है कि कल से बारिश ना होने के बाद भी पानी का स्तर कम नहीं हो रहा है. NDTV की टीम ने सांगली के जलमग्न कसबेदीराज गांव का दौरा किया.

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अधिकांश गांव को खाली करा लिया गया है और पास के एक कॉलेज में एक राहत शिविर बनाया गया है. कृष्णा और वरना नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. कुछ स्थानों पर जल स्तर भी बढ़ गया है, बारी बारिश की वजह से बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है. 

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जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए सांगली में डेरा डाले हुए हैं. अब तक करीब एक लाख लोगों और दर्जनों मवेशियों को वहां से निकाला जा चुका है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी सोमवार को सांगनी और सतारा जिले का दौरा कर सकते हैं.

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सांगली-इस्लामपुर रोड पर भी कुछ ऐसे ही हालात हैं. वहां पर चारों तरफ पानी भरा हुआ है, दूर से देखने पर लगता है कि यह एक विशाल झील है. सड़क के दूसरे तरफ कई गांव बाढ़ में डूब गए हैं और उन तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है. प्रशासन का कहना है कि वहां सैंकड़ों लोगों के फंसे होने का अंदेशा है. जिन लोगों के पक्के मकान हैं, उन लोगों ने अपने घरों की छत पर डेरा जमाया हुआ है. लेकिन उनके ज्यादा हालात खराब हैं, जो झुग्गी-झोपड़ी या कच्चे मकानों में रह रहे थे.

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बाढ़ से सिर्फ लोगों को ही नहीं जूझना पड़ रहा, बल्कि न्यूज एजेंसी एएनआई के एक वीडियो में सांगली में एक सड़क के किनारे एक मगरमच्छ दिखा है, जो शायद कृष्णा के जल स्तर में इजाफा होने की वजह से बाहर आ गया. 

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शनिवार को न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने वीडियो में सांगली के दो अन्य गांवों तंदुलवाड़ी और कानेगांव को दिखाया था जो पूरी तरह से बाढ़ में जलमग्न है. एक स्थानीय ने कहा था कि आपातकालीन दल अभी तक नहीं पहुंचा है. 

मुख्यमंत्री ठाकरे ने रविवार को रत्नागिरी जिले में बाढ़ प्रभावित चिपलून का दौरा किया. जहां उन्होंने नुकसान का आकलन करने और राहत कार्यों के मुआयने के लिए अधिकारियों से मुलाकात की. राज्य सरकार ने मारे गए लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है, और कहा है कि वह घायलों के इलाज का खर्च खुद उठाएगी. राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन बलों और सशस्त्र बलों सहित 34 आपातकालीन टीमों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है.

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