महाराष्ट्र में 'लाडला भाई योजना' के बाद 'लाडली बहन योजना' रक्षाबंधन के अवसर पर लॉन्च होने जा रही है. अजीत पवार का कहना है कि लाडली बहन योजना का प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव पर दिखेगा. महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. 'लाडली बहन योजना' से मध्य प्रदेश में भाजपा को काफी फायदा हुआ, अब यही उम्मीद शायद महाराष्ट्र से भी की जा रही है. लेकिन चुनावों से ठीक पहले लॉन्च होने वाली इस योजना का विपक्ष विरोध भी कर रहा है. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि 'लाडली बहन योजना' से राज्य सरकार पर काफी बोझ बढ़ जाएगा.
हालांकि, महाराष्ट्र में सरकार का हिस्सा एनसीपी के अजीत पवार ने कहा, "देखिए, लाडली बहन योजना हम जल्द ही लॉन्च करने जा रहे हैं. इस प्रभाव हमें आने वाले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है. इसका फायदा सरकार को भी यकीनन होगा. ये आपको देखने को मिलेगा. जहां तक राज्य सरकार पर बोझ पड़ने का प्रभाव है, तो ऐसा कुछ नहीं होगा."
महाराष्ट्र में बीते लोकसभा चुनाव में विपक्ष के महाविकास आघाड़ी गठबंधन को ज्यादा सीटें हासिल हुई थीं. लेकिन अजीत पवार कहते हैं, "लोकसभा और विधानसभा चुनाव के गणित अलग-अलग होते हैं. लोकसभा में भले ही MVA को फ़ायदा हुआ हो, लेकिन यह चुनाव उनके लिए भी इतना आसान नहीं हैं. सभी चुनाव में अपना शत-प्रतिशत देंगे, इसके बाद देखते हैं."
इस साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, लेकिन अभी तक सीट बंटवारे को लेकर कुछ तय नजर नहीं आ रहा है. ऐसा भी सुनने को आ रहा है कि अजीत पवान की एनसीपी अलग चुनाव भी लड़ सकती है. लेकिन अजीत पवार ने कहा, "NDA के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत आख़िरी दौर में हैं. एनसीपी के अलग चुनाव लड़ने का सवाल नहीं उठता. और मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फ़ैसला मिलकर तय करेंगे."
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