महाराष्ट्र दूसरी लहर के प्रकोप से पूरी तरह उबरने की कोशिश कर रहा है, लेकिन एक जिला ऐसा है जिसमें लगाता बढ़ते केस उसे पीछे की ओर खींच रहा है. ये ऐसा जिला है जो पीक के दौरान बिल्कुल शांत था, लेकिन अब राज्य का रोजाना 25% केस लोड और 18% मौतें दर्ज हो रही हैं. जिले में वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके 1368 लोग तो 5,745 सिंगल डोज वाले लोग कोविड पोजिटिव हुए हैं.
अप्रैल में जब महाराष्ट्र दूसरी लहर के चरम पर था, तब कोल्हापुर जिले में रोजाना 100 मामले भी नहीं आते थे. जिले में महज 758 एक्टिव मरीज थे. लेकिन, जुलाई में महाराष्ट्र के कुल मामलों का लगभग 18% हिस्सा यहीं देखने मिल रहा है. दूसरी लहर की पीक के दौरान कोल्हापुर ने राज्य के केस लोड में 0.22 से 1% की ही भागीदारी दिखायी थी. अब यही जिला रोजाना राज्य का 25% केसलोड रिपोर्ट कर रहा है तो राज्य की करीब 18% मौतें भी कोल्हापुर में ही दर्ज हो रही हैं.
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इस महीने, जुलाई के करीब इन ढाई हफ्तों में महाराष्ट्र ने 1,43,591 कोविड के नए मामले दर्ज किए, 23,181 मामले अकेले कोल्हापुर में दर्ज हुए. यानी 18.24% मामले इसी जिले से आए हैं. बीते दो दिनों में ही जिले में एक्टिव मामले 17% बढ़े हैं. राज्य की मृत्यु दर 2% है तो कोल्हापुर की 2.8%. राज्य की पॉजिटिविटी दर 4% है तो कोल्हापुर जिले में 11.45% तक पुहंची है.
कोल्हापुर में तेजी के साथ मामले बढ़ रहे हैं, इसके अलावा पुणे, सांगली, सातारा, अहमदनगर में भी मामले बढ़ रहे हैं. इसलिए महाराष्ट्र में रोजान 9,000 के करीब संक्रमण के मामले आ रहे हैं. वैसे सबसे रफ़्तार से टीका लगाने वाले टॉप जिलों में भी कोल्हापुर शामिल है, यहां अब तक 11,22,199 लोगों को सिंगल तो 5,02,313 को डबल डोज लग चुकी है. यानी जिले के 29% लोगों को सिंगल डोज मिली है तो 13% लोग पूरी तरह वैक्सिनेटेड हैं.
वैक्सीन की दोनो ख़ुराक ले चुके 1368 लोग कोविड पॉज़िटिव हुए हैं. राहत की बात है की इनमें से किसी की मौत नहीं हुई. लेकिन सिंगल डोज़ वाले 5,745 लोग संक्रमित हुए और इनमें से 219 मरीजों की मौत हुई है.
कोल्हापुर के सिविल सर्जन डॉ पीएन देवकर, ने बताया, 'वैक्सीन लेने के बाद भी कोविड हो सकता है लेकिन मृत्युदर ना के बराबर है, दूसरी डोज लेने के बाद एक भी मौत नहीं हुई है. मौतों का जो कारण है वो ये है की ज्यादा से ज्यादा लोग घर में ही कुछ दवा ले लेते हैं अस्पताल देरी से पहुंचते हैं, अस्पताल आते-आते उनका HRCT का स्कोर भी बढ़ जाता है.'