VIDEO: जेब में पैसे नहीं, पत्नी को गहने दिलाने की चाहत, सुनार ने 20 रुपए में दिया मंगलसूत्र, रो पड़ा 90 साल का बुजुर्ग

ज्वैलरी शॉप पर पहुंचे बुजुर्ग का उसकी पत्नी के लिए प्यार देखकर सुनार भावुक हो गया. जब उसको पचा चला कि वह बहुत गरीब हैं. उनके पास गहने खरीदने के पैसे नहीं है तो उसने बुजुर्ग को महज 20 रुपए में मंगलसूत्र दे दिया.

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सुनार ने 20 रुपये में दिया मंगलसूत्र तो रो पड़ा बुजुर्ग.
छत्रपति संभाजीनगर:

कहते हैं कि प्रेम की कोई उम्र नहीं होती. प्यार में डूबा पुरुष अपनी प्रेमिका के लिए सबकुछ कर गुजरना चाहता है. अगर वह प्रेमिका पत्नी हो तो बात और भी खास हो जाती है. महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक 90 साल के बुजुर्ग ने अपनी पत्नी को सोने का मंगलसूत्र दिलाने का सपना देखा लेकिन वह इतने गरीब थे कि इसे खरीदने के लिए उनके पास पैसे ही नहीं थे. लेकिन दिल में पत्नी को गिफ्ट देने की चाहत तो थी. इसी चाहत को लेकर वह पत्नी संग एक ज्वैलर की दुकान पर पहुंच गए. सुनार ने भी उनको निराश नहीं किया. 

सुनार ने 20 रुपए में दिया सोने का मंगलसूत्र

 सुनार ने 90 साल के बुजुर्ग को उसकी पत्नी के लिए महज 20 रुपये में सोने का मंगलसूत्र दे दिया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. लोग सुनार की जमकर तारीफ कर रहे हैं. सुनार को वीडियो में ये कहते भी सुना गया कि आपके और पांडुरंग के आशीर्वाद से हमें और मिल जाएगा. बता दें कि बुजुर्ग दंपति का नाम निवृत्ति शिंदे और शांताबाई है. ये दोनों जालना जिले के अंभोरा जहांगीर गांव के एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. निवृत्ति शिंदे और उनकी पत्नी शांताबाई आषाढ़ी एकादशी उत्सव के लिए पंढरपुर की पैदल तीर्थयात्रा पर हैं.

बुजुर्ग दंपति के पास नहीं थे गहने खरीदने के पैसे

जब ये बुजुर्ग छत्रपति संभाजीनगर स्थित “गोपिका ज्वेलर्स” नाम के आभूषण की दुकान पर गए थे.दुकानदार को जब पता चला कि निवृत्ति शिंदे अपनी पत्नी के लिए मंगलसूत्र खरीदना चाहते हैं तो वह भावुक हो गए. जब उन्होंने बुजुर्ग से पूछा कि उनके पास कितने पैसे हैं, तो बुज़ुर्ग महिला ने 1,120 रुपये नकद दिखाए. उनकी आर्थिक हालत और और उनके बीच के प्रेम को भांपते हुए दुकान के मालिक नीलेश खिवंसरा ने दंपति को केवल 20 रुपये में मंगलसूत्र दे दिया. 

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भीख मांगकर गुजारा करता है बुजुर्ग कपल

बुजुर्ग दंपति के परिवार में दो बेटे और एक बेटी है. कुछ साल पहले उनके एक बेटे का निधन हो गया था. दूसरा बेटा माता-पिता की देखभाल करने में असमर्थ था. इसी वजह से दोनों अपना घर छोड़कर छत्रपति संभाजीनगर आ गए. बुजुर्ग दंपत्ति गजानन महाराज मंदिर क्षेत्र में भीख मांगकर अपना गुजारा करते हैं. उनकी पत्नी शांताबाई शिंदे पिछले दस सालों से सोना का मंगलसूत्र पहनना चाहती थीं.लेकिन उनके पास मंगलसूत्र खरीदने के पैसे नहीं थे. चार दुकानों से उन्हें बाहर निकाल दिया गया, लेकिन पांचवीं दुकान में न सिर्फ उनका स्वागत हुआ बल्कि उनको मुफ्त में मंगलसूत्र भी दिया गया.  

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