महाराष्ट्र विधान परिषद (Maharashtra Legislative Council) का आज चुनाव होने जा रहा है. तीन महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इसे सेमीफाइनल माना जा रहा है. विधान परिषद की 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. दोनों खेमे इस चुनाव के जरिए अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में हैं. ऐसे में क्रॉस वोटिंग की संभावना प्रबल हो गई है, क्योंकि 3 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके पास चुनाव जीतने लायक वोट नहीं हैं. सभी दल अपने-अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने में जुट गए हैं. क्रॉस वोटिंग की आशंका से तमाम पार्टियों ने अपने विधायकों को पांच सितारा होटलों में भेज दिया है.
शरद पवार वाली एनसपी और कांग्रेस ने अपने विधायकों को होटल में नहीं भेजा है. शरद पवार की बेफिक्री की दो वजहें हैं. एक तो उन्होंने विधान परिषद के लिए अपनी पार्टी से कोई उम्मीदवार ही नहीं उतारा है और सीडब्ल्यूपी के जयंत पाटिल को समर्थन का ऐलान किया है. दूसरी बात ये है कि इस बार सियासी हलकों में उन्हें शिकारी की तरह देखा जा रहा है और आशंका जताई जा रही है कि वे अजीत पवार वाली एनसीपी के विधायकों को तोड़ सकते हैं. वहीं कांग्रेस भी इसलिए निश्चिंत है क्योंकि उसके पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए जरूरत से कहीं ज्यादा वोट हैं.
महाराष्ट्र का विधान मंडल दो सदनों का है. जिसमें से ऊपरी सदन विधान परिषद है. हर दो साल में विधान परिषद के चुनाव होते हैं, जिनमें एक तय संख्या के सदस्यों को निचले सदन यानी विधानसभा के सदस्य चुनते है.
महायुति का ये है गणित
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 288 है, लेकिन कुछ विधायकों के निधन और इस्तीफे के कारण संख्या घटकर 274 हो गई है. हर उम्मीदवार को जीत के लिए 23 वोटों की दरकार है. बीजेपी ने 5 प्रत्याशी उतारे हैं, उसके विधायकों की संख्या देखते हुए सभी सभी की जीत तय मानी जा रही है. एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने भी दो-दो उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. शिंदे की शिवसेना के दो उम्मीदवार पार्टी के संख्याबल को देखते हुए जीत सकते हैं, लेकिन मुश्किल अजीत पवार के लिए है. उनका एक उम्मीदवार तो जीत सकता है, लेकिन दूसरे उम्मीदवार के लिए 4 वोट कम पड़ रहे हैं.
महाविकास अघाड़ी का चुनावी गणित
कांग्रेस ने एक उम्मीदवार खड़ा किया है, जिसकी जीत तय मानी जा रही है. कांग्रेस के पास 14 अतिरिक्त वोट हैं. शरद पवार की पार्टी ने जयंत पाटिल को उम्मीदवार बनाया है. शरद पवार के पास 12 वोट हैं यानी कांग्रेस के अतिरिक्त वोटों के साथ जीत सकते हैं. वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना के उम्मीदवार मिलिंद नार्वेकर के पास 15 वोट हैं, उन्हें जीतने के लिए 8 और वोट जुटाने होंगे.
शरद पवार वाली एनसीपी के नेताओं का दावा है कि पिछले साल जो विधायक बगावत कर अजित पवार के साथ चले गए थे, उनमें से कई वापस लौटना चाहते हैं.
2022 के विधान परिषद चुनाव में हुई थी क्रॉस वोटिंग
2019 से लेकर अब तक बीते पांच सालों में तीसरी बार महाराष्ट्र में रिसोर्ट पॉलिटिक्स देखने को मिल रही है. विधान परिषद के चुनाव गुप्त मतदान के जरिये होते हैं, इसलिए अक्सर क्रॉस वोटिंग भी हो जाती है. 2022 के विधान परिषद चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई थी, इस बार भी ऐसी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
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