महाराष्ट्र ATS की जासूसी मामले की जांच में भारत में चल रहे पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि उसने पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क को भारत में ऑपरेट करने के लिए न सिर्फ हनीट्रैप का सहारा लिया, बल्कि व्हॉट्सएप और टेलीग्राम अकाउंट्स की DP में हिंदू भगवान, प्रसिद्ध मंदिरों की तस्वीरें भी लगाईं, ताकि भारतीय डिजिटल माहौल में घुलने मिलने की कोशिश की जा सके.
पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क की सोची समझी चाल
सूत्रों के मुताबिक, इन प्रोफाइल्स की लोकेशन टैगिंग भी मंदिरों और धार्मिक स्थलों से जोड़ी गई थी, ताकि ये नंबर 'देशी' लगें और किसी को शक न हो. जांच एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान की यह सांस्कृतिक प्रतीकों के जरिए भरोसा जीतने और शक से बचने की एक सोची-समझी रणनीति थी.
न्यायिक हिरासत में भेजा गया जासूस रवि वर्मा
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी रवि वर्मा को गुरुवार को ठाणे की कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. रवि वर्मा पर भारतीय वॉरशिप से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप है. बता दें कि मैकेनिकल इंजीनियर रविंद्र वर्मा को पिछले हफ्ते जासूसी करने और युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी भजने के आरोप में एटीएस ने गिरफ्तार किया था. वह रक्षा प्रौद्योगिकी से जुड़ी एक कंपनी में काम करता था.
पाक एजेंटों को कैसे भेजी संवेदनशील जानकारी
वह ठाणे के कलवा का रहने वाला है. उसकी रिमांड अवधि खत्म होने के बाद गुरुवार को उसे जिले की एक अदालत में पेश किया गया. रवि वर्मा के वकील राजहंस गिरासे ने बताया कि अदालत ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एटीएस ने पहले आरोप लगाया था कि वर्मा ने स्केच, चित्र व ऑडियो संदेशों के जरिए युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के आकाओं को दी और बदले में भारत और विदेशों में विभिन्न बैंक खातों से पैसे प्राप्त किए.