- पुणे के शनिवार वाड़ा में मुस्लिम महिलाओं द्वारा नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों का विरोध
- पुलिस ने संरक्षित स्थल पर नमाज पढ़ने के आरोप में अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है
- भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी के नेतृत्व में गोमूत्र छिड़ककर शनिवार वाड़ा में शुद्धिकरण का आयोजन विवाद का कारण बना
महाराष्ट्र में पुणे शहर के ऐतिहासिक शनिवार वाडा में मुस्लिम महिलाओं के नमाज अदा करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद रविवार को हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने बाद में संरक्षित स्थल पर नमाज पढ़ने के आरोप में अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया. नमाज़ पढ़े जाने की घटना के विरोध में BJP की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी के नेतृत्व में कुछ हिंदू संगठनों ने रविवार को उस स्थान पर गोमूत्र छिड़ककर और प्रार्थना करके प्रतीकात्मक रूप से शुद्धिकरण किया. यह शुद्धिकरण समारोह महायुति गठबंधन के भीतर ही विवाद का कारण बन गया है.
विवाद और भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी के शुद्धिकरण पर महायुति गठबंधन के सहयोगी दलों और विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई. अजित पवार की एनसीपी प्रवक्ता रूपाली पाटिल थोम्ब्रे ने मेधा कुलकर्णी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने भाजपा से सांसद को 'लगाम' लगाने की मांग की और पुलिस से भी कुलकर्णी पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश के लिए मामला दर्ज करने की मांग की.
एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि कुलकर्णी, हिंदू बनाम मुस्लिम का मुद्दा उठा रही हैं, जबकि पुणे में दोनों समुदाय मेल जोल के साथ रहते हैं. उधर शिवसेना नेता नीलम गोरहे ने कुलकर्णी पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि शनिवार वाड़ा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI की संरक्षित इमारत है, जिसके अपने नियम हैं और उनका पालन किया जाना चाहिए. गोरहे ने कहा कि नियमों का उल्लंघन होने पर राज्य पुलिस और जिला कलेक्टर को कार्रवाई करनी चाहिए, और "किसी को भी यह ग़लतफ़हमी नहीं पालनी चाहिए कि वह सरकार है.
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने भाजपा के आक्रोश और पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए. उन्होंने शनिवार वाड़ा को 'शुद्ध' करने के काम को हास्यास्पद बताया, क्योंकि यह कोई धार्मिक स्थल नहीं. सावंत ने कहा कि शनिवार वाड़ा के बाहर स्थित दरगाह पेशवा काल से ही वहां मौजूद है और पेशवाओं ने कभी आपत्ति नहीं जताई थी. हालांकि, हिंदू संगठन शनिवार वाड़ा को मराठा हिंदू गौरव का प्रतीक मानते हैं, जिसे पेशवाओं ने बनवाया था. उनका मानना है कि इस ऐतिहासिक स्थल को धार्मिक तटस्थता बनाए रखनी चाहिए और किसी भी अन्य धर्म की धार्मिक गतिविधि जैसे नमाज़ की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, खासकर जब ASI द्वारा यह प्रतिबंधित हो.
शनिवार वाड़ा का ऐतिहासिक महत्व
पुणे का शनिवार वाड़ा मराठा साम्राज्य और पुणे के इतिहास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रतीक है. इसका निर्माण 1736 में हुआ था. यह मराठा साम्राज्य के पेशवाओं का मुख्यालय और मुख्य निवास स्थान था. पेशवा, छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशजों के प्रधान हुआ करते थे और यहीं से मराठा साम्राज्य का अधिकांश शासन संचालित होता था. यह किला पेशवाओं की शक्ति के केंद्र और पुणे की संस्कृति का प्रतीक माना जाता है. ये मूल रूप से एक 13 मंजिला भव्य महल था. साल 1828 में एक रहस्यमय आग लगने के कारण इसका अधिकांश भाग नष्ट हो गया. अब यहां केवल विशाल कीलों से जड़े प्रवेश द्वार और किले की मज़बूत दीवारें ही बची हैं.