गणेशोत्‍सव 2024 : मिट्टी के गणपति बनाने से मूर्तिकारों की तौबा, जानिए क्‍यों फल-फूल रहा POP का बाजार

गणेशोत्‍सव (Ganesh Utsav 2024) से पहले बाजारों में ईको फ्रेंडली गणपति (Eco Friendly Ganpati) की डिमांड बेहद कम है और यही कारण है कि मूर्तिकार मिट्टी की जगह प्‍लास्‍टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों पर फोकस कर रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में दस दिनों तक चलने वाला गणेशोत्सव (Ganesh Utsav 2024) कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है. ऐसे में मूर्तियों को खरीदने के लिए बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है. हालांकि इस बार ईको फ्रेंडली गणपति  (Eco Friendly Ganpati) की डिमांड इस कदर कम हुई है कि कई मूर्तिकारों ने मिट्टी के गणपति बनाने ही बंद कर दिये हैं. ऐसा लगता है कि पर्यावरण को बचाने की मुहिम ग्राहकों पर कुछ खास असर नहीं कर पाई है.

ईको फ्रेंडली यानी मिट्टी की मूर्तियां बनाने वाले कलाकार यूसुफ गलवानी अब दिये-मटके बना रहे हैं. कहते हैं कि ईको फ्रेंडली मूर्तियों की डिमांड इतनी घट चुकी है कि उन्‍हें लाखों का नुकसान हुआ है. 

ईको फ्रेंडली गणपति बनाना छोड़ा : गलवानी

गलवानी ने बताया, "ईकोफ्रेंडली पहले खूब प्रमोट हुआ था. मैंने लॉकडाउन में 300 मूर्तियां बनाई, सब बिकीं. पिछले साल 1200 का ऑर्डर आया, लेकिन ऑर्डर देने वाले ने हजार गणपति का ऑर्डर उठाया ही नहीं. इससे मुझे लाखों का नुकसान हुआ. मेरे करीब 20 कारीगरों को मैं अभी तक पैसे चुका रहा हूं. मुझे 10-12 लाख रुपये का नुकसान हुआ. इसलिए इस साल से ईको फ्रेंडली गणपति बनाना ही छोड़ दिया. खरीदार कम हुए हैं. सख्‍ती की जाएगी तो कुछ होगा और ढील दोगे तो कुछ नहीं होगा. पीओपी बंद कर दोगे तो खुद ही लोग मिट्टी की ओर मुड़ेंगे. भले ही दस फीट का नहीं छोटा लेंगे."

Advertisement

महंगा पड़ता है मिट्टी की मूर्ति बनाना : पाण्‍डरे  

सुभाष कृष्णा पाण्डरे करीब 20 सालों से मूर्तियों में अपनी कला से जान फूंक रहे हैं. सरकारी सुझावों और आदेशों का पालन करते हुए ईको फ्रेंडली गणपति बनाने शुरू किए लेकिन बीते साल बिक्री ठप रही. इसलिए इस साल से फिर प्‍लास्‍टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों पर ही जोर दे रहे हैं. 

Advertisement

उन्‍होंने कहा, "सिर्फ सुन रहे हैं कि प्लास्टर ऑफ पेरिस बंद होगा, लेकिन इतने बड़े-बड़े गणपति मिट्टी के कैसे बनेंगे. हमें चार फीट लंबाई की लिमिट मिली है."  

Advertisement

उन्‍होंने बताया कि हमें चार फीट की मिट्टी की मूर्ति बनाने के लिए कहा गया है. हम तैयार हैं, लेकिन लोग इसे खरीदें तो सही. यह महंगा भी पड़ता है और भारी भी होता है. मैं मिट्टी की मूर्ति बना रहा था, लेकिन नुकसान हो रहा है. मूर्ति संभल भी नहीं रही है. 2023 से काफी नुकसान हुआ. मेरी ईको फ्रेंडली मूर्तियां बिकी ही नहीं. 

Advertisement

मिट्टी की जगह POP की डिमांड, ऐसे समझिए मूर्ति का गणित 

- एक फीट की प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति अगर हजार से बारह सौ रुपये में ग्राहक खरीद रहा है तो मिट्टी से बनी इसी तरह की एक फीट की ईको फ्रेंडली मूर्ति करीब तीन हजार रुपये की पड़ेगी. 

- एक कारीगर पीओपी की एक फीट की मूर्ति पर करीब 500 से 600 रुपये खर्च करता है तो मिट्टी की एक मूर्ति पर कम से कम हजार रुपये खर्च होते हैं. 

- मिट्टी से बनी एक मूर्ति को बनाने में जहां चार से पांच घंटे का वक्‍त लगता है, तो वहीं पीओपी की एक मूर्ति कुछ ही मिनटों में बन जाती है. 

- पीओपी की मूर्तियां मजबूत भी होती है. इसलिए इन्हें संभालना मुश्किल नहीं है. वहीं मिट्टी की मूर्ति नाज़ुक होती है और इनके टूटने का खतरा बना रहता है.

प्लास्टर ऑफ पेरिस में कितनी भी हाइट की मूर्तियां बनाएं वो संभल जाती है, लेकिन मिट्टी की मूर्तियों में यह संभव नहीं होता है क्योंकि यह मूर्तियां बहुत नाज़ुक होती हैं और इसकी लागत भी ज्‍यादा आती है. साथ ही इन्‍हें संभालना भी मुश्किल होता है. 

सालों तक पानी में नहीं घुलता प्‍लास्‍टर ऑफ पेरिस 

प्लास्टर ऑफ पेरिस पानी में सालों तक घुलता नहीं है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है और यह जल प्रदूषण की गंभीर समस्या पैदा कर देता है. हालांकि सस्ती कीमत सुंदरता और भव्‍यता की चाह में लोग मिट्टी की जगह प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों को पसंद करते हैं. 

ग्राहक अपना फायदा देखते हैं और मूर्तिकार नुकसान से बचने की कोशिश करते हैं. यही वजह है कि पर्यावरण को नुकसान से बचाने की नेक सोच सिर्फ सोच तक ही सीमित रह जाती है. 

ये भी पढ़ें :

* महाराष्ट्र : ज्वेलरी शॉप के चेंजिंग रूम में महिला का वीडियो बनाने पर शख्स पर मामला दर्ज
* केंद्र के बाद महाराष्‍ट्र के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, UPS को मंजूरी देने वाला बना पहला राज्य
* मुंबई TISS के छात्र की रहस्यमयी मौत, घर में मिला शव; एक रात पहले ही हुई थी फ्रेशर्स पार्टी

Featured Video Of The Day
Hindu Temple Attack को लेकर S Jaishankar ने कहा- Canada में चरमपंथी ताकतों को मिल रही राजनीतिक पनाह
Topics mentioned in this article