- महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी डी शिवनंदन ने आईपीएस अंजना कृष्णा के समर्थन में विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
- डी शिवनंदन ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के साथ इस तरह का व्यवहार महाराष्ट्र में पहले कभी नहीं देखा गया है.
- विवाद अवैध मुरम खनन की जांच के दौरान उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अंजना कृष्णा के बीच हुई तीखी बहस से शुरू हुआ.
महाराष्ट्र की जिन आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्ण के साथ उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कथित तौर पर बदसलूकी की थी, उनके समर्थन में महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर डी शिवनंदन खुलकर सामने आ गए हैं. शिवानंदन का कहना है कि महाराष्ट्र में पुलिस अधिकारियों के साथ ऐसा बर्ताव कभी नहीं होता था. उन्होंने आश्चर्य जताया कि अजीत पवार जो कि चार बार उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं और एक बड़े राजनीतिक घराने से आते हैं, इस तरह की हरकत की. अपना कर्तव्य निर्वाह कर रही ऐसी ईमानदार अधिकारी के समर्थन में समाज को आगे आना चाहिए. डी शिवानंदन को मुंबई अंडरवर्ल्ड की कमर तोड़ने के लिए और एक सख्त अधिकारी के रूप में जाना जाते थे.
विवाद की जड़ अवैध मुरम खनन
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधान परिषद सदस्य (MLC) अमोल मिटकरी ने आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के शैक्षिक, जाति प्रमाण पत्रों और अन्य दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच की मांग की है. अमोल मिटकरी ने यह अनुरोध संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), नई दिल्ली के सचिव को 5 सितंबर को लिखे पत्र के माध्यम से किया. यह मांग महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अंजना कृष्णा के बीच वायरल वीडियो विवाद के बाद उठाई गई है. ये पूरा विवाद सोलापुर जिले के कुर्डू गांव में अवैध मुरम खनन की जांच के दौरान अजित पवार और अंजना कृष्णा के बीच फोन पर हुई तीखी बहस से जुड़ा है. वायरल वीडियो में दावा किया गया कि अजित पवार ने अंजना को कार्रवाई रोकने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने उनकी पहचान सत्यापित करने की मांग की, जिसके बाद पवार ने वीडियो कॉल पर बात की.
वीडियो कॉल से बढ़ा विवाद
यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अजित पवार और महिला पुलिस अधिकारी अंजना कृष्णा के बीच तीखी बातचीत होती दिख रही है। वीडियो में पवार एक स्थानीय एनसीपी कार्यकर्ता के फोन से अधिकारी को कॉल कर अवैध खनन पर कार्रवाई रोकने का निर्देश देते नजर आए थे. वीडियो में महिला अधिकारी फोन पर बात कर रही थीं, जिसमें सामने से बताया गया कि वे उपमुख्यमंत्री अजित पवार हैं. उन्होंने महिला अधिकारी को डांटते हुए उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात भी कही थी. हालांकि, बाद में अजित पवार ने कहा कि उनका इरादा कानून प्रक्रिया में दखल देने का नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि स्थिति और न बिगड़े.
कौन हैं अंजना कृष्णा
अंजना कृष्णा, 2022-23 बैच की आईपीएस अधिकारी, वर्तमान में सोलापुर के करमाला में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर तैनात हैं. उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की चर्चा महाराष्ट्र में हो रही है. इस घटना के बाद जहां एक विपक्षी दल, खासकर शिवसेना (उद्धव गुट), ने अजित पवार पर खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया, वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने पवार पर निशाना साधते हुए उनकी अनुशासनहीनता पर सवाल उठाए. अब मिटकरी द्वारा यूपीएससी से आईपीएस अधिकारी के दस्तावेजों की जांच की मांग से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है.