महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में अलीबाग तट के पास शुक्रवार सुबह मछली पकड़ने वाली एक नाव में आग लगने के बाद 18 मछुआरों को बचाया गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आग सुबह करीब चार बजे लगी जब नौका अलीबाग के अक्षी तट से करीब सात समुद्री मील दूर थी. उन्होंने कहा कि राकेश गण नामक व्यक्ति की नौका से आपात संदेश मिला, जिसके बाद भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और रायगड पुलिस घटनास्थल पर पहुंची.
कैसे लगी आग
अधिकारी ने बताया कि नौका पर सवार कम से कम 18 लोगों को बचा लिया गया और उन्हें सुरक्षित तट पर लाया गया. उन्होंने बताया कि पुलिस को संदेह है कि नौका के इंजन में गड़बड़ी के कारण साइलेंसर में तेल इकट्ठा हो गया और आग लग गई. अधिकारी के अनुसार, नाव पिछले 14 दिनों से मछली पकड़ने के लिए समुद्र में थी और घटना के समय तटीय जिले के सखार गांव की ओर लौट रही थी.
कैसे बचाया गया
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने कहा कि सुबह करीब 6.35 बजे महाराष्ट्र तट पर गश्त कर रहे उसके जहाज सावित्रीबाई फुले ने आसमान में घना धुआं निकलते देखा. जहाज तुरंत अधिकतम गति के साथ धुएं की ओर बढ़ा. सवा सात बजे स्थल पर पहुंचने पर पाया कि एक आईएफबी (भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव) जिसका नाम एकवीरा मौली था, आग में घिरी थी. स्थिति का आकलन करने के बाद, जहाज ने तेजी से कार्य किया और 14 मछुआरों को आईएफबी धन लक्ष्मी में स्थानांतरित करने में सहायता की.
बयान में कहा गया, “ झुलसे मछुआरों को सहायता प्रदान की गई और उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया गया. संकटग्रस्त आईएफबी के मास्टर ने बताया कि आग जहाज के इंजन कक्ष में लगी थी.” इसके साथ ही, आईसीजीएस सावित्रीबाई फुले ने संकटग्रस्त आईएफबी पर आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए. आग बुझाने के प्रयास करीब दो घंटे तक चले और जहाज ने सफलतापूर्वक आग बुझा दी.
नौका के मालिकों ने कहा कि जहाज को भारी नुकसान पहुंचा है. राकेश गण, जो अपने दो भाइयों के साथ नाव के मालिक हैं, ने कहा, “हमें सुबह 4 बजे के आसपास घटना के बारे में सूचना मिली, जिसके बाद सखार के ग्रामीण तट पर गए.” नाव के मालिकों में से एक ने कहा, “आग बुझाने के प्रयास किए गए, लेकिन जब तक आग पर काबू पाया गया, नाव लगभग 99 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो चुकी थी.”