CM फडणवीस से मिलकर आखिर क्यों खुश हैं अजित पवार से खफा छगन भुजबल?

बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र कैबिनेट में जगह न मिलने के चलते छगन भुजबल नाराज चल रहे थे. अब सीएम फडणवीस से उनकी मुलाकात को लेकर अब कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

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मुंबई:

महाराष्ट्र में अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल और सीएम देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात हुई है. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र कैबिनेट में जगह न मिलने के चलते छगन भुजबल नाराज चल रहे हैं. अब महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस से उनकी मुलाकात को लेकर सवाल उठने लगे हैं? छगन भुजबल और फडणवीस के बीच हुई मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. पिछले दिनों छगन भुजबल ने एक ट्वीट भी किया था. अपने इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि ‘‘जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना''. बस फिर क्या था राजनीतिक गलियारों में उनके ट्वीट के अलग-अलग मायने निकाले जाने लगे. राजनीतिक हलकों में हो रही इन चर्चाओं के बीच आज छगन भुजबल ने सीएम फडणवीस से मुलाकात की.

भुजबल और फडणवीस में हुईं क्या बात

छगन भुजबल ने इस मुलाकात के बारे में कहा कि आज मैंने और समीर भुजबल ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की उन्होंने भी मीडिया से कई बातें सुनी और कहा कि हमें इस बात को मान्य करना होगा कि इस बार हमें चुनाव में मिली जीत में ओबीसी समुदाय का भी बड़ा हाथ है. हम किसी भी प्रकार से ओबीसी समुदाय का नुकसान नहीं होने देंगे. लेकिन फिलहाल जो चल रहा है, उसे लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुझे थोड़े दिन का समय दीजिए और उसके बाद हम फिर मिलते हैं अवश्य कोई मार्ग निकालेंगे. आने वाले 10 से 12 दिनों में कोई मार्ग अवश्य निकालेंगे.

अजित पवार का भुजबल पर निशाना

बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने पहली बार छगन भुजबल पर सीधा निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया तो रोष व्यक्त कर रहे हैं. लेकिन कभी-कभी नए लोगों को मौका देना पड़ता है. बेवजह गलतफहमी पैदा करके बयान देना उचित नहीं है. जब मंत्रिमंडल के लिए हमने नाम दिए, तब कुछ मान्यवारों को रुकने के लिए कहा गया तो कुछ लोगों ने रोष व्यक्त किया. कभी-कभी नए लोगों को मौका देना पड़ता है, कभी-कभी पुराने लोगों को कोई और मौका देने के बजाय केंद्र में कैसे मौका दे सकते हैं. इसका भी हमने विचार किया है. जिनको योग्य मान सम्मान देना चाहिए, वो देने में अजित पवार कभी कम नहीं पड़ेगा. लेकिन कभी-कभी बेवजह गलतफहमी पैदा करके अलग भूमिका लेना योग्य नहीं है.

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छगन भुजबल किस बात से नाराज

इससे पहले छगन भुजबल ने पार्टी अध्यक्ष अजित पवार पर नये मंत्रिपरिषद में उन्हें शामिल नहीं किए जाने को लेकर परोक्ष रूप से हमला किया था और दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के पक्ष में थे. उन्होंने कहा कि राकांपा अध्यक्ष अजित पवार पार्टी के लिए वैसे ही निर्णय लेते हैं जैसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए फडणवीस और शिवसेना के लिए एकनाथ शिंदे करते हैं. ‘‘जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना'' टिप्पणी को लेकर अटकलों के बीच भुजबल ने कहा था कि वह बुधवार को राकांपा कार्यकर्ताओं और येवला निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से चर्चा करने के बाद कुछ कहेंगे.

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क्‍या मैं आपके हाथों का खिलौना हूंं? : भुजबल

इससे पहले भुजबल ने नासिक में पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि उन्हें मई में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था, लेकिन उनका नाम कभी तय नहीं हुआ. येवला सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ हफ्ते बाद भुजबल ने कहा कि हाल में उन्हें राज्यसभा सीट की पेशकश की गई थी. तब उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नासिक से लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव स्वीकार कर लिया. जब मैं इस साल की शुरुआत में राज्यसभा में जाना चाहता था, तो मुझे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया. मुझे आठ दिन पहले राज्यसभा सीट की पेशकश की गई थी, जिसे मैंने अस्वीकार कर दिया.'' भुजबल ने पूछा, ‘‘उन्होंने तब मेरी बात नहीं सुनी, अब वे इसे (राज्यसभा सीट) दे रहे हैं. क्या मैं आपके हाथों का खिलौना हूं?''

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