- शिवसेना नेता अंबादास दानवे ने कहा कि अजित पवार ने सरकार से इस्तीफा देकर बाहर निकलने की बात कही थी.
- दानवे का दावा है कि पार्थ को 'बचाया' जा रहा है. पार्थ का बचना सीएम के हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं.
- भाजपा और एनसीपी के अजित पवार गुट ने दानवे के आरोपों को निराधार बताया और उचित जांच की बात कही है.
पुणे जमीन घोटाले मामले को लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता अंबादास दानवे ने बड़ा बयान दिया है. दानवे ने महायुति ने दावे को निराधार बताया और कहा कि पार्थ पवार मामले से नाराज अजित पवार सरकार से इस्तीफा देकर बाहर निकलने वाले थे और सरकार को बाहर से सपोर्ट करने की भूमिका लेने वाले थे. अब उनके उस दबाव के कारण अजित पवार के बेटे पार्थ पवार को बचाया जा रहा है.
अंबादास दानवे ने कहा, "बिना मुख्यमंत्री की भूमिका या हस्तक्षेप पार्थ पवार इस मामले (जमीन घोटाले) से बच ही नहीं सकते... जो कुछ वर्षा बंगले पर हुआ, उस पर मुझे बोलने का मौका नहीं मिला, लेकिन जो जानकारी मुझे मिली है, उसके मुताबिक, इस मामले को लेकर प्रेशर और आलोचना के चलते अजित पवार ने सरकार से बाहर निकलकर... सरकार को बाहर से समर्थन देने तक कि बात कही थी... ऐसा मुझे सुनने में आया... और यह मैं जिम्मेदारी से बोलता हूं... जो मेरे कान तक आया वो मैं बोल रहा हूं... जो सच-झूठ होगा, वो सामने आएगा... लेकिन इसी वजह से अजित पवार और पार्थ पवार को बचाया जा रहा है.”
हालांकि, भाजपा और एनसीपी के अजित पवार गुट के नेताओं ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए तुरंत खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने उचित जांच के आदेश दिए हैं और कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.
वडेट्टीवार ने पार्थ पवार को ठहराया जिम्मेदार
विपक्ष के हमले में शामिल होते हुए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इस घोटाले के लिए पार्थ पवार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने दावा किया कि यह खुलासा आगामी चुनावों में प्रमुख जिलों में अजित पवार की पार्टी को कमजोर करने की एक योजना का हिस्सा है, जिससे उन्हें भाजपा की एक पूरक शक्ति के रूप में स्थापित किया जा सके. वडेट्टीवार ने भविष्यवाणी की कि महायुति में पहला बड़ा नुकसान अजित पवार की पार्टी का सत्ता से बाहर होना होगा.
महायुति की छवि बिगड़ने की साजिश: शिरसाट
शिवसेना कोटे से मंत्री संजय शिरसाट ने अंबादास दानवे द्वारा किए गए दावे को महायुति की छवि बिगड़ने की साजिश बताया. मंत्री संजय शिरसाट ने कहा, "मैं भी उस दिन वर्षा बंगले में मौजूद था... अजित पवार और सीएम फडणवीस के बीच इस मामले पर हुई चर्चा की कोई जानकारी नहीं है... महायुति के भीतर कोई मतभेद नहीं है और अजित पवार ने ऐसी कोई चेतावनी भी नहीं दी है... ये खबरें महायुति के भीतर दरार की तस्वीर पेश करने के लिए गढ़ी जा रही हैं, लेकिन महायुति में सब ठीक है... सीएम फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे के बीच बेहतरीन समन्वय है और वे राज्य को विकास की ओर ले जा रहे हैं."
दानवे का दावा सिर्फ प्रसिद्ध के लिए: सूरज चव्हाण
एनसीपी प्रवक्ता सूरज चव्हाण ने अंबादास दानवे पर पलटवार करते हुए कहां कि विपक्ष के नेता रह चुके अंबादास दानवे केवल प्रसिद्ध के लिए इस तरह के दावे कर रहे हैं. एनसीपी के सूरज चव्हाण ने कहा, "विधान परिषद में विपक्ष के नेता रह चुके अंबादास दानवे उन्हें सही तथ्यों पर बोलना चाहिए, लेकिन उन्होंने आज अपनी अज्ञानता प्रदर्शित की... पुणे मामले की एक समिति द्वारा जांच की जा रही है... सरकार द्वारा गठित समिति में कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं, जिसे दानवे जानते हैं... यह प्रशासन पर दानवे के अविश्वास को दर्शाता है... विपक्ष के नेता रह चुके व्यक्ति प्रचार के लिए ऐसे दावे कर रहे हैं... एक महीने के भीतर समिति की रिपोर्ट आ जाएगी और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा."
महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस बात से इनकार किया कि अजित पवार ने पार्थ पवार मामले में इस्तीफा देने की पेशकश की है. बावनकुले ने कहा, "यह झूठ है. ऐसा कुछ नहीं हुआ. दानवे वहां नहीं थे. मैं बैठक में मौजूद था. सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. आगामी विधानसभा सत्र में पूरक मांगों जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. नागपुर जैसी जगहों पर महायुति के गठबंधन पर चर्चा हुई."














