मॉनसून से पहले मुंबई में 134 इमारतें जर्जर घोषित, खाली कराने के लिए BMC अपना रही ये उपाय

आगामी मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए बीएमसी ने साल 2025 की अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में मुंबई शहर की कुल 134 इमारतों को अत्यंत खतरनाक यानी C1 श्रेणी में शामिल किया है. इन इमारतों को रहने के लिहाज से पूरी तरह से अनुपयुक्त और गिरने की आशंका वाली घोषित किया गया है.

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मुंबई शहर की कुल 134 इमारतों को अत्यंत खतरनाक यानी C1 श्रेणी में शामिल किया है. (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंबई :

देश में मॉनसून जल्‍द ही दस्‍तक देने वाला है. मॉनसून के दौरान मुंबई में जमकर बारिश होती है. हालांकि मॉनसून से पहले मुंबई की बृहन्मुंबई महानगरपालिका की एक रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है. बीएमसी की 2025 की रिपोर्ट में 134 इमारतों को 'C1' श्रेणी में घोषित किया गया है. इन इमारतों में से 77 में अब भी लोग रह रहे हैं. इस रिपोर्ट के आने के बाद बीएमसी ने इन सभी इमारतों को खाली कराने की कवायद तेज कर दी है.  

आगामी मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए बीएमसी ने साल 2025 की अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में मुंबई शहर की कुल 134 इमारतों को अत्यंत खतरनाक यानी C1 श्रेणी में शामिल किया है. इन इमारतों को रहने के लिहाज से पूरी तरह से अनुपयुक्त और गिरने की आशंका वाली घोषित किया गया है.

57 इमारतों को बीएमसी ने करवाया खाली 

इन 134 खतरनाक इमारतों में से अब तक 57 इमारतों को बीएमसी खाली करवा चुकी है, जबकि शेष 77 इमारतों में अब भी लोग रह रहे हैं. इसके कारण उन लोगों की जान और माल दोनों को खतरा बना हुआ है. बीएमसी के अधिकारियों के अनुसार, इन 77 में से लगभग 56 इमारतें ऐसी हैं, जिन पर कानूनी विवाद या न्यायालय का स्टे ऑर्डर है, जिससे संबंधित इमारतों में कोई कार्रवाई करने में बाधा उत्पन्न हो रही है. 

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2023 की अपेक्षा करीब 3 गुना आई कमी 

साल 2023 की तुलना में इस बार जर्जर इमारतों की संख्या में कमी आई है. 2023 में कुल 387 इमारतें जर्जर घोषित की गई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 188 हो गई और अब 2025 में यह केवल 134 रह गई हैं.

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अधिकारियों का मानना है कि पिछले वर्षों में की गई कार्रवाइयों जैसे इमारतों को समय पर खाली करवाना और इन्‍हें गिराने के चलते यह गिरावट संभव हुई है, जिससे शहर की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार देखने को मिला है.

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इलाके की इमारतें सर्वाधिक C1 श्रेणी में 

वार्ड-स्तर पर यदि देखा जाए तो सबसे ज्‍यादा जर्जर इमारतें H/West वार्ड (जिसमें बांद्रा और खार पश्चिम आते हैं) और P/South वार्ड (गोरेगांव क्षेत्र) में पाई गई हैं, जहां प्रत्येक में 15-15 इमारतों को C1 श्रेणी में रखा गया है.

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इसके बाद K/East वार्ड (अंधेरी पूर्व) और N वार्ड (घाटकोपर) में 11-11 इमारतें, K/West वार्ड (अंधेरी पश्चिम) में 10 इमारतें और H/East (चेंबूर) और P/North (मलाड) में 7-7 इमारतें चिह्नित की गई हैं.

कई इमारतों में पानी-बिजली पर रोक  

बीएमसी ने इन सभी इमारतों के रहवासियों को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर इमारत खाली करने के निर्देश दिए हैं, जिससे मॉनसून के दौरान जानमाल की हानि को टाला जा सके. साथ ही जिन इमारतों को खतरनाक घोषित किया गया है, उनमें से कुछ में पानी और बिजली की आपूर्ति भी रोक दी गई है, जिससे लोग जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जा सकें. 

बीएमसी नागरिकों से अपील कर रही है कि वे मानसून से पहले जर्जर इमारतें छोड़ दें और अपनी तथा अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दें, जबकि प्रशासन सभी तकनीकी और कानूनी विकल्पों का उपयोग कर रहा है, जिससे इन इमारतों को जल्द से जल्द ध्वस्त किया जा सके. 

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