- बुलढाणा जिले में आयकर विभाग ने करीब 1050 पुलिसकर्मियों को फर्जी निवेश और टैक्स चोरी के आरोप में नोटिस जारी किए
- आयकर विभाग की जांच में पुलिसकर्मियों ने धारा 80C और होम लोन ब्याज छूट के तहत नकली निवेश दिखाकर टैक्स छूट ली है
- सभी आयकर रिटर्न एक ही चार्टर्ड अकाउंटेंट के माध्यम से दाखिल किए गए थे, जिससे साठगांठ की संभावना जताई जा रही है
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल हुआ ये कि विभाग ने जिले के करीब 1050 पुलिसकर्मियों को आयकर नोटिस जारी किए हैं. इन पर फर्जी निवेश और कटौतियां दिखाकर टैक्स चोरी करने का गंभीर आरोप लगे हैं. सूत्रों के मुताबिक, ये नोटिस पिछले तीन से चार वर्षों के आयकर रिटर्न की जांच के बाद जारी किए गए हैं. इस मामले की जांच में सामने आया है कि इन पुलिसकर्मियों ने धारा 80C और होम लोन पर ब्याज छूट के तहत फर्जी निवेश और डिडक्शन दिखाकर टैक्स में छूट हासिल की.
इस मामले में किस चीज ने चौंकाया
इस मामले में एक और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सभी रिटर्न एक ही चार्टर्ड अकाउंटेंट के जरिए दाखिल किए गए थे. जिससे इस पूरे मामले में साठगांठ की आशंका जताई जा रही है. आयकर विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि कई मामलों में बीमा, पीपीएफ, म्यूचुअल फंड या होम लोन जैसी कोई वास्तविकता नहीं थी, फिर भी मोटी रकम की कटौतियां दिखाई गईं. इस कार्रवाई के बाद बुलढाणा के पुलिस अधीक्षक निलेश तांबे ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी पुलिसकर्मियों को अपने आयकर रिटर्न की तत्काल जांच करने का निर्देश दिया है.
पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भी नोटिस
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि यदि किसी ने गलती की है तो 10 नवंबर तक संशोधित रिटर्न दाखिल करें वरना इस मामले में विभागीय जांच शुरू की जाएगी. एसपी तांबे ने यह भी साफ किया है कि यदि आयकर विभाग द्वारा किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई या मुकदमा किया जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित पुलिसकर्मी या अधिकारी की स्वयं होगी. गौरतलब है कि आयकर विभाग ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भी नोटिस जारी किया है, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है.














