Satna HIV Positive Blood Case: सतना में खून का सौदा; तीन दलाल गिरफ्तार, ऐसे हुआ स्टिंग ऑपरेशन

Satna HIV Positive Blood Case: इस कार्रवाई के दौरान दलाल से नकद रकम बरामद की गई है, वहीं पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में आरोपी खुलेआम ब्लड उपलब्ध कराने की बात करता नजर आ रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.

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Satna HIV Positive Blood Case: सतना में खून का सौदा; तीन दलाल गिरफ्तार, ऐसे हुआ स्टिंग ऑपरेशन

Satna HIV Positive Blood Case: मध्य प्रदेश के सतना में थैलीसीमिया पीड़ित (Thalassemia Victims) पांच बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव रक्त (HIV Positive Blood) चढ़ाए जाने के गंभीर मामले की जांच अभी चल ही रही है कि इसी बीच एक स्टिंग ऑपरेशन (Sting Operation) ने स्वास्थ्य विभाग में सनसनी फैला दी है. जिला अस्पताल (Zila Hospital) में पहले से मचे भूचाल के बावजूद भी ब्लड दलालों की सक्रियता कम होने का नाम नहीं ले रही थी, जिसका ताजा मामला गुरुवार को सामने आया.

ऐसे हुआ गिरफ्तार

एसडीएम (SDM) सिटी का ड्राइवर ब्लड ग्राहक बनकर जब रजनीश साहू पिता शुभकरण साहू निवासी करसरा थाना सिंहपुर के पास पहुंचा तब जाकर दलाली का खेल सामने आया. ड्राइवर के स्टिंग के आधार पर पुलिस ने आरोपी रजनीश सहित मोहम्मद कैफ निवासी कामता टोला और अनिल गुप्ता निवासी टिकुरिया टोला का पकड़ लिया. 

एसडीएम राहुल सिलड़िया की टीम ने कार्रवाई करते हुए जिला अस्पताल के सामने से चाय की दुकान से दलाल को रंगे हाथों पकड़ लिया, जो 4500 रुपये लेकर ब्लड उपलब्ध कराने का दावा कर रहा था. जैसे ही टीम ने उसे पकड़ा, पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि आरोपी काफी समय से जिला अस्पताल के आसपास सक्रिय था और जरूरतमंद मरीजों व उनके परिजनों को अपने जाल में फंसाकर अवैध रूप से ब्लड उपलब्ध कराने का धंधा कर रहा था.

कार्रवाई के दौरान दलाल से नकद रकम बरामद की गई है, वहीं पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में आरोपी खुलेआम ब्लड उपलब्ध कराने की बात करता नजर आ रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.

पूछताछ जारी

फिलहाल आरोपी को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपी के पीछे कोई बड़ा गिरोह तो सक्रिय नहीं है और उसका संबंध अस्पताल के भीतर या ब्लड बैंक से जुड़े किसी कर्मचारी से तो नहीं है. जांच का दायरा बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है.गौरतलब है कि जिला अस्पताल पहले ही एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने के मामले को लेकर जांच के घेरे में है. ऐसे में स्टिंग के जरिए दलाल की गिरफ्तारी ने यह साफ कर दिया है कि सिस्टम में गड़बड़ियां अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं. अब देखना होगा कि पुलिस जांच में और कितने चेहरे बेनकाब होते हैं और स्वास्थ्य विभाग इस पर क्या ठोस कदम उठाता है.

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