नदी में बहा डॉगी को नहलाने लाया युवक, 48 घंटे तक मालिक के इंतजार में वहीं बैठा रहा कुत्ता

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां एक युवक अपने पालतू डॉगी को नदी में नहलाने के लिए लाया था. इसी दौरान युवक तेज बहाव में बह गया. लेकिन मालिक के इंतजार में उसका डॉगी 48 घंटे तक वहीं नदी किनारे बैठा रहा.

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Raipur Dog's Loyalty: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर सोमवार को अहम फैसला दिया था तब से ही पूरे देश में कुत्तों को लेकर चर्चा हो रही है...कोई इस फैसले के पक्ष में है तो कई पेट लवर्स इस पर अपनी आपत्ति भी दर्ज करा रहे हैं. इन सबके बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां एक युवक अपने पालतू डॉगी को नदी में नहलाने के लिए लाया था. इसी दौरान युवक तेज बहाव में बह गया. लेकिन मालिक के इंतजार में उसका डॉगी 48 घंटे तक वहीं नदी किनारे बैठा रहा. युवक का शव 48 घंटे बाद बरामद किया गया. इस दौरान उसका पालतू डॉगी युवक के कपड़े और बाइक की निगरानी करता रहा. अब लोग उसकी वफादारी की सराहना कर रहे हैं.

जहां मालिक के कपड़े और चप्पल वैगरह पड़े थे वहीं 48 घंटे तक बैठा रहा कुत्ता.

संतुलन खोने के बाद नदी में बहा युवक

रायपुर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उरला थाना क्षेत्र के रहने वाले आलोक सिंह रविवार को अपने पालतू डॉगी के साथ नहाने के लिए खारुन नदी के बाइनरी के पास बाइक से पहुंचा था. सबसे उसने अपने कपड़े उतारकर किनारे पत्थरों पर रखा और फिर कुत्ते को नहलाया. इसी दौरान आलोक ने अपना संतुलन खो दिया और नदी के तेज बहाव में बह गया. दूसरी तरफ नदी के किनारे की पत्थर पर बैठकर उसका पालतू डॉगी उसका इंतजार करने लगा. सोमवार को रेस्क्यू टीम ने आलोक का शव पठारीडीह इलाके से बरामद कर लिया.

इसी बाईक पर सवार होकर आलोक और उसका डॉगी नदी किनारे पहुंचे थे.

कुत्ते को देखकर लोगों को हुई अनहोनी की आशंका

बताया जा रहा है कि कुत्ते को अकेले बैठे और आसपास कपड़े और बाइक देखकर लोगों को किसी अनहोनी का शक हुआ था. इसी के बाद लोगों ने पुलिस को मामले की सूचना दी थी. आलोक ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन उसका डॉगी उसका शव बरामद होने तक उसके कपड़े और मोबाइल के पास ही भूखे-प्यासे बैठा रहा. इस दौरान उसने पूरी रात वहीं नदी किनारे बिताई. फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. इस पूरे वाक्ये ने एक बार साबित कर दिया कि कुत्ते इंसान के सबसे वफादार दोस्त होते हैं. जरुरत है तो सिर्फ उन्हें प्यार और आसरा देने की.

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