नए लेखकों को अपनी बात कहने का मंच देता है 'यॉर वॉइस' , बन रहा है नौजवानों की पसंद

कहानी, कविता, शेयर शायरी कहने और सुनने की प्रथा का तो इस देश में लंबा इतिहास रहा है. जहां चंदा मामा से लेकर दादी अम्मा तक कि कहानियां बच्चों को सोने से पहले सुनाई जाया करती थी मगर डिजिटल जमाने ने इस प्रवृत्ति को बादल कर रख दिया है. 

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
नए लेखकों को अपनी बात कहने का मंच देता है 'यॉर वॉइस' , बन रहा है नौजवानों की पसंद
कहानी, कविता, शेयर शायरी कहने और सुनने की प्रथा का तो इस देश में लंबा इतिहास रहा है.

वो कहते हैं न कि हर इंसान के दिल में एक बच्‍चा होता है. ठीक इसी तरह हर इंसान के अंदर एक शायर, कलाकार या लेखक भी होता है. वक्‍त की कमी और दूसरी जिम्‍मेदारियों को निभाते-निभाते बहुत ही कम लोग इसे अपने करियर के रूप में चुन पाते हैं. ये तो थी एक बात, लेकिन एक बड़ी बात जो ऐसे हर लेखक, शायर और कलाकार के मन में रह जाती है वह यह कि वह खुद ही लिखता है और खुद ही पढ़ लेता है... लोगों के पास कहां वक्‍त है कि वो साहित्‍य में पहले ही लौहा मनवा चुके बड़े नामों से हट कर नए चेहरों पर भी ध्‍यान दें... 

एक दौर हुआ करता था जब लोग सिर्फ नामचीन कवि और कथाकारों को सुना करते थे और अवसर भी लोग उन्हे ही देते थे किसी भी कार्यक्रम मे जो बहुत प्रसिद्ध हुआ करते थे. धीरे धीरे जैसे जैसे डिजिटल क्रांति होनी शुरू हुई है वैसे वैसे सोशल मीडिया और यूट्यूब ने बहुत सारे प्रतिभाशाली नौजवानो को अपने हुनर को दुनिया के सामने रखने के मौका दिया है. 

कहानी, कविता, शेयर शायरी कहने और सुनने की प्रथा का तो इस देश में लंबा इतिहास रहा है. जहां चंदा मामा से लेकर दादी अम्मा तक कि कहानियां बच्चों को सोने से पहले सुनाई जाया करती थी मगर डिजिटल जमाने ने इस प्रवृत्ति को बादल कर रख दिया है. 

“वो क्या है न मैं औरत हूँ ज़रा जल्दी बहक जाती हूँ ” दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज के 21 साल कि छात्रा प्रिया शर्मा कि कविता है जो सोश्ल मीडिया और यूट्यूब पर बहुत वाइरल हुई है और लोगों को बहुत पसंद आई है.   यह कविता प्रिया ने पहली बार दिल्ली मे आयोजित एक कार्यकर्म मे पढ़ी थी, जिसे 'यॉर वॉइस', जोकि एक ओपन माइक मंच देने वाला स्टार्टप ग्रुप है, ने कराया था. 

Advertisement

रीदा फातिमा कहती हैं कि “मैं बरेली मे रहती हूँ मगर बचपन से कविता लिखते आ रही थी मगर इतने कम उम्र मे मुझे काही अवसर ही नहीं मिल रहा था तभी अचानक एक दिन सोश्ल मीडिया के माध्यम से मालूम चला के दिल्ली मे एक कार्यक्रम हो रहा है जहां नए लेखकों को अवसर मिल रहा है तो मैंने उस कार्यकर्म मे अपनी कविता सुनाने कि इच्छा उसके आयोजनकर्ताओं को बताया तो उन्होने मुझे मौका दिया और मैं बरेली से दिल्ली का सफर तय करके अपनी कविता सुना पायी उसके बाद से मेरी पहचान एक युवा कवि के तौर पर लोग करने लगे हैं ”

Advertisement

YourVoice, कवियों और कथाकारों के लिए एक मंच है जो देश भर के कई शहरों और विभिन्न कॉलेजों में कविता और कहानी सुनाने के कार्यक्रम का आयोजन करता रहा है और हर कार्यक्रम में महिला कलाकारों के लिए 50% स्लॉट सुनिश्चित करता है और नए इच्छुक कवियों और कथाकारों को अवसर प्रदान करता है. इस साल फरवरी में यॉर वॉइस' ने भारत का पहला महिला साहित्य उत्सव "रेज यॉर वॉइस" का आयोजन था जिसमे नामचीन हस्तियाँ शामिल हुई थी. साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए 'यॉर वॉइस' को हिंदी-उर्दू साहित्य संघ चंडीगढ़ और हरियाणा कला परिषद द्वारा जून मे सम्मानित किया गया था. 1 जून, 2018 को स्थापित 'यॉर वॉइस', मुहम्मद  खालिद हसन के दिमाग की उपज है, जो जामिया मिलिया इस्लामिया से इंजीनियरिंग स्नातक हैं. 

Advertisement

खालिद हसन का कहना है कि "जल्द ही हम भारत के गांवों में कविता और कहानी सुनाने के कार्यक्रम आयोजित करेंगे, क्योंकि यह देखा गया है कि ग्रामीण भारत में बहुत सारे प्रतिभाशाली कलाकार हैं, लेकिन उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए कोई मंच नहीं मिलता है,"

Advertisement

Vitamin-D Side Effects: खतरनाक है विटामिन डी की ओवरडोज! हो सकते हैं ये नुकसान

Featured Video Of The Day
IPL 2025: Vaibhav Suryavanshi ने रचा इतिहास, IPL में सबसे तेज शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज बने
Topics mentioned in this article