सजकर तैयार है ‘हंस साहित्योत्सव - 2024’ का मंच, 'हंस' के सालाना जलसे का इंतजार खत्‍म

इस बार उत्सव के उद्घाटन पर बहुचर्चित वरिष्ठ साहित्यकार उषा प्रियंवदा 'हंस' को अपना आशीर्वचन देंगी. उन्हें सुनने का निश्चित तौर पर यह दुर्लभ अवसर भी है. इस दौरान हिंदी साहित्य जगत से वरिष्ठ लेखकों का जमावड़ा रहेगा.

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‘हंस’ के सालाना जलसे ‘हंस साहित्योत्सव - 2024’ का मंच सजकर तैयार हो गया है.

Hans Sahityotsav 2024: हिंदी साहित्य की सबसे चर्चित एवं प्रतिष्ठित पत्रिका ‘हंस' के सालाना जलसे ‘हंस साहित्योत्सव - 2024' का मंच सजकर तैयार हो गया है. 15 एवं 16 नवंबर को होने जा रहे इस साहित्य उत्सव में देशभर के दिग्गज लेखक, कवि, विचारक, फिल्म-निर्देशक, सिनेमा-अध्येता और कलाकार शिरकत करेंगे. यह कार्यक्रम बीकानेर हाउस, पंडारा रोड, नई दिल्ली में दोपहर 12 बजे से आयोजित हो रहा है. दो दिवसीय इस कार्यक्रम में 'हिंदी साहित्य : ठहराव और बदलाव' को केंद्र में रखकर छह सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी.

इस बार उत्सव के उद्घाटन पर बहुचर्चित वरिष्ठ साहित्यकार उषा प्रियंवदा 'हंस' को अपना आशीर्वचन देंगी. उन्हें सुनने का निश्चित तौर पर यह दुर्लभ अवसर भी है. इस दौरान हिंदी साहित्य जगत से वरिष्ठ लेखकों का जमावड़ा रहेगा. स्वागत वक्तव्य 'हंस' पत्रिका के संपादक संजय सहाय देंगे और आभार पत्रिका की प्रबंध निदेशक रचना यादव व्यक्त करेंगी. 

यह कार्यक्रम बीकानेर हाउस, पंडारा रोड, नई दिल्ली में दोपहर 12 बजे से आयोजित हो रहा है. 

उत्‍सव का पहला द‍िन

'हंस साहित्योत्सव' के पहले दिन के पहले सत्र में 'उन्नीसवीं सदी के बाद का हिंदी साहित्य - कितने ठहराव, कितने बदलाव' विषय पर चर्चा होगी. इस सत्र में उपन्यासकार एवं संपादक विभूति नारायण राय, आलोचक विनोद तिवारी एवं साहित्यकार एवं अध्यापक संजीव कुमार जैसी हस्तियां शिरकत कर रही हैं. इस सत्र पर वक्ताओं से आलोचक वैभव सिंह बात करेंगे. 

दूसरे सत्र में प्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी, साहित्यिक सांस्कृतिक सिद्धांत वेत्ता सुधीश पचौरी, लेखक एवं विचारक गोपाल प्रधान एवं स्त्रीवादी-चिंतक गरिमा श्रीवास्तव, विषय 'आधुनिक हिंदी साहित्य - प्रभावित करतीं विचारधाराएं और दर्शन'  पर अपने-अपने विचार व्यक्त करेंगे. इस सत्र का संचालन आलोचक पल्लव करेंगे.  

तीसरे सत्र में 'बाज़ारवाद की अंधी गली और हिंदी साहित्य' विषय पर वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला गर्ग, सिनेमा अध्येता एवं उपन्यासकार सत्य व्यास, कथाकार एवं उपन्यासकार चन्दन पाण्डेय एवं प्रकाशक रवि सिंह लोगों से रूबरू होंगे. इस सत्र का संचालन युवा कथाकार फहीम अहमद करेंगे. तीनों सत्रों के बाद प्रख्यात साहित्यकार मन्नू भंडारी की पुण्यतिथि पर उन्हें समर्पित नाटक 'मन्नू की बेटियां' का प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक देवेन्द्र राज अंकुर के निर्देशन में मंचन होगा. इस नाटक को पत्रकार एवं कथाकार प्रियदर्शन ने लिखा है. 

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दूसरा दिन

'हंस साहित्योत्सव' के दूसरे दिन के कार्यक्रम में सबसे पहले प्रियदर्शन द्वारा लिखित नाटक जो राजकमल प्रकाशन समूह से पुस्तकाकार प्रकाशित होकर पाठकों के लिए अब उपलब्ध होगा. पुस्तक लोकार्पण एवं परिचर्चा में प्रतिष्ठित नाट्य-निर्देशक कीर्ति जैन, नाट्य-निर्देशक देवेन्द्र राज अंकुर, पत्रकार एवं लेखक प्रियदर्शन एवं प्रकाशक अशोक माहेश्वरी शामिल रहेंगे. पुस्तक पर केंद्रित परिचर्चा का संचालन लेखिका प्रज्ञा रोहिणी करेंगी. पहले सत्र में 'ओ.टी.टी. - संभावनाएं एवं संकट'  विषय पर लेखिका एवं सिने-मर्मज्ञ विभावरी, वरिष्ठ पत्रकार एवं सिनेमा विशेषज्ञ ओम थानवी, फिल्म-निर्देशक अविनाश दास, पटकथा लेखक उमाशंकर सिंह, फिल्म समीक्षक शुभ्रा गुप्ता से संवाद करेंगी.  

इस दिन के दूसरे सत्र में 'ओ.टी.टी. में गालियां - कहानी की मांग या मसाला' विषय पर बहुचर्चित होस्ट इरफ़ान, चर्चित लेखक उदय प्रकाश, प्रसिद्ध स्क्रिप्ट राइटर एवं अभिनेता तिग्मांशु धूलिया, प्रतिष्ठित पत्रकार दिबांग और स्क्रिप्ट-राइटर वैभव विशाल से विस्तार से चर्चा करेंगे. 

तीसरे और अंतिम दिन

कार्यक्रम के तीसरे और अंतिम सत्र 'सोशल मीडिया या एसोशल मीडिया' में वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया, कवि एवं आलोचक विष्णु नागर, मीडिया-विश्लेषक विनीत कुमार एवं कवि एवं संपादक अविनाश मिश्र अपने-अपने विचार रखेंगे और सत्र के सूत्रधार युवा कथाकार किंशुक गुप्ता होंगे. 'हंस साहित्योत्सव' के पहले दिन का संचालन लेखक आदित्य शुक्ल कर रहे हैं एवं दूसरे दिन का संचालन स्क्रिप्ट राइटर शालिनी कपूर कर रही हैं. हर बार की तरह इस बार भी पत्रकार प्रियदर्शन 'हंस साहित्योत्सव' के निदेशक हैं.

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