Yoga Day 2024: आजकल की व्यस्त जीवनशैली में लोग अपनी सेहत का सही तरह से ध्यान नहीं रख पाते जिसके कारण कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में शरीर कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का शिकार हो जाता है. सेहतमंद रहने के लिए जीवनशैली में योगा को हिस्सा बनाया जा सकता है. तो चलिए बात करते हैं एक ऐसे योगा के बारे में जिससे आपको सेहत से जुड़ी अलग-अलग समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है. यह योगासन है आनंद बालासन (Ananda Balasana). जानिए इस योगा और इसे करने के फायदों के बारे में.
आनंद बालासन क्या है | What Is Ananda Balasana
आनंद बालासन का अभ्यास करने से जीवन में बढ़ रहा तनाव कम हो जाता है और पेट से जुड़ी समस्याएं भी ठीक होने लगती हैं. इससे पाचनतंत्र को मजबूती मिलती है. इसके अलावा पेल्विक मसल्स मजबूत बनती हैं और शरीर फ्लैक्सिबल बना रहता है.
पोश्चर में सुधार- दिनभर स्क्रीन के सामने बैठकर काम करने से कंधे आगे की ओर झुकने लगते हैं. साथ ही लव हैंडल्स भी बढ़ने लगते हैं जो शरीर में मोटापा बढ़ने का कारण बन जाते हैं और शरीर का पोश्चर (Body Posture) भी बिगड़ने लगता है. ऐसे में खुद को स्लिम और एक्टिव बनाए रखने के लिए दिनभर में 2 से 3 बार 1 मिनट तक इस योगासन का अभ्यास किया जा सकता है.
मानसिक तनाव होगा दूर- नियमित तौर पर इस मुद्रा का प्रयास करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं. इससे दिनोंदिन बढ़ रहा स्ट्रेस और एंजाइटी कम होने लगते हैं. इससे नींद ना आने की समस्या भी हल होने लगती है. साथ ही, बार बार होने वाले मूड स्विंग की परेशानी से भी बचा जा सकता है.
पैर की गतिशीलता में मदद करता है- यह आसन जांघों के भीतरी भाग को हल्का खिंचाव प्रदान करता है, कूल्हों की मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ाता है और पैरों की समग्र गतिशीलता में सुधार करने में योगदान देता है.
सीने में दर्द और फेफड़ों के लिए बालासन के लाभ- यह सीने में दर्द और गर्दन के दर्द को दूर करने में मददगार हो सकता है. बालासन सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक आराम की स्थिति है, जो सांस लेने की समस्याओं के लिए एक आदर्श उपाय हो सकता है.
आनंद बालासन करने का तरीका- इस योग को करने के लिए पीठ के बल मैट पर सीधे लेट जाएं. इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें.
- इसके बाद दोनों टांगों को ऊपर की ओर उठाएं और अब दोनों घुटनों को सीने के नजदीक लेकर आएं. दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाएं.
- दोनों हाथों से पैरों को मोड़ लें और पैरों के तलवों को छत की ओर रखें. अपने घुटनों की मदद से 90 डिग्री का एक एंगल बनाएं.
- योगासन (Yoga Pose) के दौरान अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें. इसके लिए अब गहरी सांस लें और धीरे-धीरे रिलीज़ करें.
- पैरों को पकड़ने के बाद उन्हें सीने की ओर खींचें. आनंद बालासन मुद्रा में शरीर को 30 सैकंड से 1 मिनट तक रखें.
- उसके बाद शरीर को कुछ देर के लिए रिलैक्स छोड़ दें. इससे तन और मन दोनों को शांति मिलती है.
प्रस्तुति- शालू शुक्ला
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