Women's day 2023 : क्या आपको पता है PCOS और PCOD में है अंतर?

Women health : पीसीओडी और पीसीओएस, दोनों ही महिलाओं में हार्मोन के फंक्शन से जुड़ी परेशानियां है इसलिए लोग इसे एक ही समझ लेते हैं. जबकि दोनों में अंतर होता है जिसकी सही जानकारी महिलाओं के पास होनी जरूरी है. 

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PCOD को अपनी दिनचर्या में सुधार लाकर ठीक किया जा सकता है जबकि PCOS को नहीं. 

PCOS and PCOD difference : आजकल महिलाओं में पीरियड की अनियमितता आम हो गई है हर तीसरी महिला इररेगुलर पीरियड की परेशानी से जूझ रही है.आपको बता दें कि इस स्वास्थ्य संबंधी परेशानी को मेडिकल भाषा में पीसीओडी कहते हैं. एक और परेशानी होती है महिलाओं को जिसे पीसीओएस के नाम से जानते हैं. ये दोनों ही परेशानियां महिलाओं में हार्मोन के फंक्शन से जुड़ी होती है. इसलिए लोग पीसीओडी और पीसीओएस को एक ही समझ लेते हैं. जबकि दोनों में अंतर होता है इसकी सही जानकारी महिलाओं के पास होनी जरूरी है. 

पीसीओएस और पीसीओडी में अंतर | PCOS aur PCOD mein antar

पीसीओडी | PCOD

सबसे पहले बात करते हैं पीसीओडी की. असल में इस परेशानी के पीछे कारण होता है समय से पहले अंडाशयों (ovary) का एग को रिलीज कर देना जो सिस्ट का रूप ले लेते हैं जिसके कारण पीरियड्स अनियमित (irregular period) होने लगते हैं. इसके चलते वजन तेजी से बढ़ता है और पेट में दर्द जैसी परेशानी का सामना करना पड़ता है. 

पीसीओडी में ओवरी का आकार जो है वो बड़ा हो जाता है. इस स्थिति में शरीर मेल हार्मोन यानी एंड्रोजन (androgen hormone) को रिलीज करने लग जाती है. हालांकि पीसीओडी की परेशानी बढ़ने के पीछे खराब लाइफस्टाइल है.

पीसीओएस | PCOS

अब आते हैं पीसीओएस पर. यह पीसीओडी से भी ज्यादा गंभीर समस्या है. आपको बता दें कि पीसीओडी को अपनी दिनचर्या में सुधार लाकर ठीक किया जा सकता है जबकि पीसीओएस को बिना डॉक्टर को दिखाए मुमकिन नहीं है. 

आपको बता दें कि पीसीओएस में महिला की शरीर में एंड्रोजन अधिक मात्रा में रिलीज होने लगता है.जिसके चलते ओव्यूलेशन (Obvolution) में अनियमितता होती है. इसके कारण अंडाशय में बहुत सारे सिस्ट (cyst) बनने लगते हैं. ऐसे में वजन भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है.

अन्य जानकारी

आपको बता दें कि पीसीओडी (PCOD) को पूरी तरीके से एक बीमारी नहीं माना जा सकता है क्योंकि इसको ठीक करना अपने हाथ में है. केवल अपनी रूटीन को ठीक करना है. व्यायाम को शामिल करना है जीवन में. लेकिन पीसीओएस (PCOS) को बिना डॉक्टर के 
मुश्किल है.

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Photo Credit: iStock

वहीं. पीसीओडी से प्रेग्नेंट होने में कोई परेशानी नहीं होती है जबकि पीसीओएस में फर्टिलिटी पर सीधा असर पड़ता है. इसमें ओवरी एग रिलीज करने में सक्षम नहीं होता है. कई बार तो महिलाओं को गर्भपात तक कराना पड़ जाता है. 


 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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