Parenting Advice: बच्चे जैसे-जैसे बड़े होने लगते हैं उनकी शरारतें भी बढ़ने लगती हैं. कभी बच्चे कोई सामान तोड़ देते हैं तो कभी खाना गिराना, चीजों को यहां से वहां फेंकना और कभी भी रोने या जिद करने जैसी चीजें करने लगते हैं. ऐसे में होता यह है कि बच्चों की इन हरकतों से परेशान होकर माता-पिता (Parents) उनपर हाथ उठा देते हैं. लेकिन, डॉक्टर जमाल ए. खान का कहना है कि ऐसा करना पैरेंट्स की सबसे बड़ी गलती होता है. सोशल मीडिया पर शेयर किए एक वीडियो में डॉ. जमाल ने इसी गलती का जिक्र किया है और माता-पिता को चेताया है.
Boss Day 2024: बॉस डे के दिन भेजिए अपने बॉस को ये मैसेजेस, कुछ इस अंदाज में कहिए शुक्रिया
बच्चे पर क्यों नहीं उठाना चाहिए हाथ | Why You Should Not Hit Children
डॉ. जमाल का कहना है कि बच्चे को कभी मारना नहीं चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे को मारने पर बच्चे में बदले की भावना आने लगती है. इससे बच्चा बड़ा होकर अपने माता-पिता का गला नहीं दबाएगा लेकिन उसका व्यवहार बदला लेने वाला हो जाएगा. डॉक्टर कहते हैं कि मार खाकर बच्चे को लगता है कि मेरी मां जालिम हैं. इससे बच्चे और माता-पिता के रिश्ते भी खराब हो सकते हैं. बच्चे को मारे बिना भी समझाया जा सकता है.
- अगर माता-पिता अक्सर ही बच्चे पर हाथ उठाते हैं तो इससे बच्चा खुदको कमतर समझने लगता है. बच्चे का आत्मविश्वास (Self Confidence) कम होने लगता है और अपनी ही नजर में बच्चा खुद को बेहद कमजोर और छोटा समझने लगता है.
- पिटाई खाने पर बच्चा माता-पिता से मन ही मन दूरी बनाना शुरू कर देता है. वह माता-पिता के सामने झिझकने लगता है. अगर बच्चे से कोई गलती भी होती है तो मार खाने के डर से वह अपनी गलती स्वीकारना नहीं चाहता और झूठ का सहारा लेने लगता है.
- बच्चे को मारने का यह मतलब नहीं है कि इससे उसका व्यवहार सुधर जाएगा. हो सकता है कि मार खाने के बाद बच्चा पहले से ज्यादा बदतमीजी करने लगे. कई बार बच्चे ढीठ बनने लगते हैं और उन्हें मार खाने की आदत हो जाती है, उनका डर खत्म हो जाता है और वे बेहतर कि बजाय बुरा बर्ताव करने लगते हैं.
- बच्चे को अगर प्यार से समझाया जाए तो वह अपनी गलती (Mistake) तो समझता ही है, साथ ही बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित भी हो सकता है. जबकि उसकी पिटाई की जाए तो उसमें अंदर ही अंदर घुटने वाली प्रवृत्ति आ सकती है.
- जिन बच्चों की अक्सर पिटाई की जाती है वे या तो बहुत ज्यादा गुस्सैल होने लगते हैं या फिर उनका व्यवहार एकदम ही झेंपने वाला हो जाता है. दोनों ही स्थितियां सही नहीं हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.