Shaheed diwas 2025 : शहीद दिवस साल में दो बार मनाया जाता है. पहला 23 मार्च और दूसरा 30 जनवरी को. यह दोनों दिन उन वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने देश की आजादी और समृद्धि में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. इन दोनों ही तारीखों का ऐतिहासिक महत्व है. यह दिन देश की आजादी में बलिदान देने वाले वीर सपूतों के आदर्शों और कर्तव्यों को निभाने की प्रेरणा देते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं साल में दो बार क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस.
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30 जनवरी क्यों मनाते हैं शहीद दिवस - Why is Martyr's Day celebrated on 30 January?
30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (Death anniversary of Mahatma Gandhi) होती है. इस दिन ही नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) ने नई दिल्ली के बिरला भवन में महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसलिए महात्मा गांधी की पुण्य तिथि को शहीद दिवस (Shaheed divas) के रूप में मनाया जाता है. आपको बता दें कि गांधीजी ने सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
23 मार्च क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस - Why is Martyrs' Day celebrated on March 23?
13 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश सरकार ने लाहौर जेल में फांसी दी थी. इन तीनों ने ब्रिटिश शासन से देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और अपनी जान को न्यौछावर कर दिया. आपको बता दें कि फांसी के समय भगत सिंह मात्र 23 साल के थे. आज भी इन तीनों का बलिदान हर भारतीय के दिल में जिंदा है.
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