हमें छींक क्यों आती है? बार-बार छींक आना कौन सी बीमारी है, सोते समय छींक आने का क्या कारण है, यहां जानिए कारण और राहत पाने का तरीका

Respiratory Tract: छींकना आपके शरीर का एक बहुत तेज और जरूरी रक्षा तंत्र है, जो नाक और श्वसन पथ को धूल, पराग, वायरस, बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक कणों से बचाने और उन्हें तुरंत बाहर निकालने का काम करता है.

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हमें छींक क्यों आती है?
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Sneeze, Respiratory Tract: छींक आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. आमतौर पर जब हम छींकते हैं, तो हमें लगता है कि हम बीमार हो गए हैं, लेकिन छींकना आपके शरीर का एक बहुत तेज और जरूरी रक्षा तंत्र है, जो नाक और श्वसन पथ को धूल, पराग, वायरस, बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक कणों से बचाने और उन्हें तुरंत बाहर निकालने का काम करता है. यह एक अनैच्छिक क्रिया है जो जलन पैदा करने वाले तत्वों को साफ करने के लिए होती है, ठीक वैसे ही जैसे शरीर किसी बाहरी खतरे से बचाव के लिए तुरंत प्रतिक्रिया करता है. चलिए आपको बताते हैं हमें छींक क्यों आती है? बार-बार छींक आना कौन सी बीमारी है, सोते समय छींक आने का क्या कारण है?

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हमें छींक क्यों आती है?

छींक आने का मुख्य कारण नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली में जलन है, जो धूल, पराग, रूसी, फफूंद, तेज गंध, जुकाम-फ्लू जैसे वायरस या मसालेदार भोजन से हो सकती है और यह शरीर का एक सामान्य रिफ्लेक्स है, जो नाक को साफ करने का काम करता है, जैसे कि तेज रोशनी या हार्मोनल बदलाव भी इसके ट्रिगर हो सकते हैं.

सर्दी-जुकाम के दौरान यह समस्या अधिक क्यों होती है?

सर्दी-जुकाम के वायरस नाक की श्लेष्मा झिल्ली को संक्रमित करते हैं और सूजन पैदा करते हैं. वायरस के बढ़ने के साथ-साथ यह क्षेत्र चिड़चिड़ा हो जाता है. यही कारण है कि सर्दी-जुकाम होने पर आपको बार-बार छींक आती है.

धुआं, रसायन और गंध

धुआं, प्रदूषण, परफ्यूम, सफाई के रसायन और मिर्च पाउडर जैसे पदार्थ नाक की संवेदनशील नसों को उत्तेजित करते हैं. ये नसें तुरंत मस्तिष्क को संकेत भेजती हैं कि कोई उत्तेजक पदार्थ है, इसे बाहर निकालना आवश्यक है. इससे शरीर तुरंत छींक उत्पन्न करता है और कणों को बाहर निकाल देता है.

बार-बार छींक आना कौन सी बीमारी है?

बार-बार छींक आना अक्सर एलर्जी, सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे वायरल इन्फेक्शन या हवा में मौजूद धूल, धुआं, तेज गंध जैसे उत्तेजक पदार्थों के कारण होता है, जो नाक की परत में जलन पैदा करते हैं. यह किसी खास बीमारी का नाम नहीं, बल्कि कई स्थितियों का लक्षण है, जिसमें एलर्जी सबसे आम है और इसका इलाज एंटी-एलर्जिक दवाएं और ट्रिगर से बचाव है. इससे वायरल इन्फेक्शन होता है और एलर्जी होती है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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